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शिव सेना की राजनैतिक मूर्खता

अंततः वही हुआ जिसकी आशंका थी. शिव सेना अब भाजपा से स्थायी तलाक लेकर राजनैतिक आत्महत्या करने की तैयारी कर रही है. राजनैतिक दृष्टि से कई अपरिपक्व फैसलों का यह परिणाम होना ही था.

शिव सेना ने गलतियों की शुरुआत तभी कर दी थी, जब मात्र ३-४ सीटों पर बात चीत अटक जाने पर उसने भाजपा को अपमानित करके अकेले ही चुनाव लड़ने के लिए बाध्य कर दिया था. अगर उसने भाजपा के प्रस्ताव के अनुसार आधी-आधी सीटों पर लड़ने और जिसके विधायक अधिक हों उसका मुख्यमंत्री चुन लेने की बात मान ली होती तो आज वह ठाठ से सत्ता में होती, भले ही मुख्यमंत्री उसका न होता.

उसने दूसरी गलती तब की जब चुनाव प्रचार में भाजपा और मोदी जी को निशाने पर लिया, जबकि भाजपा नेता उसके विरुद्ध कुछ भी बोलने से बच रहे थे. मोदी जी उद्धव ठाकरे के पिताश्री बाल ठाकरे के लिए हमेशा सम्मानजनक शब्दों और वाक्यों का प्रयोग कर रहे थे, लेकिन शिव सेना के मुखपत्र ने मोदी जी के पिताश्री का नाम लेकर जो बेहूदी टिप्पणी की, वह तो मूर्खता की चरमसीमा थी.

अब उप-मुख्यमंत्री पद की जिद करके उसने फिर राजनैतिक अपरिपक्वता का परिचय दिया और केन्द्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने से अपने सांसद को रोककर शिव सेना ने अंतिम रूप से राजनैतिक आत्महत्या की भूमिका बना ली है. अब यह निश्चित है कि महाराष्ट्र की राजनीति में शिव सेना का महत्त्व समाप्त होने वाला है. कोई आश्चर्य न होगा यदि शिव सेना का विधायक दल जल्दी ही दो फाड़ हो जाए.

जय श्री राम ! नमो नमो !!

डॉ. विजय कुमार सिंघल

नाम - डाॅ विजय कुमार सिंघल ‘अंजान’ जन्म तिथि - 27 अक्तूबर, 1959 जन्म स्थान - गाँव - दघेंटा, विकास खंड - बल्देव, जिला - मथुरा (उ.प्र.) पिता - स्व. श्री छेदा लाल अग्रवाल माता - स्व. श्रीमती शीला देवी पितामह - स्व. श्री चिन्तामणि जी सिंघल ज्येष्ठ पितामह - स्व. स्वामी शंकरानन्द सरस्वती जी महाराज शिक्षा - एम.स्टेट., एम.फिल. (कम्प्यूटर विज्ञान), सीएआईआईबी पुरस्कार - जापान के एक सरकारी संस्थान द्वारा कम्प्यूटरीकरण विषय पर आयोजित विश्व-स्तरीय निबंध प्रतियोगिता में विजयी होने पर पुरस्कार ग्रहण करने हेतु जापान यात्रा, जहाँ गोल्ड कप द्वारा सम्मानित। इसके अतिरिक्त अनेक निबंध प्रतियोगिताओं में पुरस्कृत। आजीविका - इलाहाबाद बैंक, डीआरएस, मंडलीय कार्यालय, लखनऊ में मुख्य प्रबंधक (सूचना प्रौद्योगिकी) के पद से अवकाशप्राप्त। लेखन - कम्प्यूटर से सम्बंधित विषयों पर 80 पुस्तकें लिखित, जिनमें से 75 प्रकाशित। अन्य प्रकाशित पुस्तकें- वैदिक गीता, सरस भजन संग्रह, स्वास्थ्य रहस्य। अनेक लेख, कविताएँ, कहानियाँ, व्यंग्य, कार्टून आदि यत्र-तत्र प्रकाशित। महाभारत पर आधारित लघु उपन्यास ‘शान्तिदूत’ वेबसाइट पर प्रकाशित। आत्मकथा - प्रथम भाग (मुर्गे की तीसरी टाँग), द्वितीय भाग (दो नम्बर का आदमी) एवं तृतीय भाग (एक नजर पीछे की ओर) प्रकाशित। आत्मकथा का चतुर्थ भाग (महाशून्य की ओर) प्रकाशनाधीन। प्रकाशन- वेब पत्रिका ‘जय विजय’ मासिक का नियमित सम्पादन एवं प्रकाशन, वेबसाइट- www.jayvijay.co, ई-मेल: jayvijaymail@gmail.com, प्राकृतिक चिकित्सक एवं योगाचार्य सम्पर्क सूत्र - 15, सरयू विहार फेज 2, निकट बसन्त विहार, कमला नगर, आगरा-282005 (उप्र), मो. 9919997596, ई-मेल- vijayks@rediffmail.com, vijaysinghal27@gmail.com