कविता

लड़की

ट्रेन बस में आधा टिकट लगे
इसलिए दस साल की
फेसबुक पर एकाउंट खुल जाए
इसलिए तेरह साल की
शादी होकर मां बाप को छुटकारा मिल जाए
इसलिए अठारह साल की
इतनी बड़ी हो गई घर का काम नही करती, यह ताने सुनने के लिए बीस साल की
सरकारी स्कूल में पोषाहार किताबों के लिए
पहली कक्षा में पांच साल की
उसके जन्म-दिन पर केक नहीं कटता, इसलिए नहीं जानती वह कितने साल की
जन्म का प्रमाण पत्र भी तो नहीं है
क्योंकि लड़की होने के गम में
घर में किसी को याद ही नहीं रहा
कि जन्म-पंजीयन होता है आवश्यक
इसलिए लड़की को नहीं पता
क्या है उसकी उम्र ?

*दिलीप भाटिया

जन्म 26 दिसम्बर 1947 इंजीनियरिंग में डिप्लोमा और डिग्री, 38 वर्ष परमाणु ऊर्जा विभाग में सेवा, अवकाश प्राप्त वैज्ञानिक अधिकारी

One thought on “लड़की

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    कविता अच्छी लगी.

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