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पांच साल केजरीवाल – कुदरत का करिश्मा!

आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के आठवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद रामलीला मैदान में मौजूद समर्थकों की भीड़ के सामने अपनी सरकार की प्राथमिकताएं गिनाईं। अपने मंत्रियों, विधायकों और कार्यकर्ताओं को अहंकार से बचने की सलाह देते हुए उन्होंने दिल्ली को देश का पहला भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने का वादा किया। केजरीवाल ने कहा, ‘हम जितना जल्द संभव होगा, जनलोकपाल विधेयक लाएंगे और पांच साल के अंदर दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाएंगे। उन्होंने दिल्ली के विकास के लिए बीजेपी और कांग्रेस के अच्छे लोगों से सहयोग लेने की बात भी कही। बिना सबके सहयोग के सरकार के मंसूबों को कामयाब करना संभव भी नहीं है।
केजरीवाल ने कहा, ‘पूरे एक साल के बाद आम आदमी की सरकार बनी है। गजब संयोग बना है। पिछली बार आठ सीटें कम रह गई थी, इस बार दिल्ली की जनता ने इस बार पूर्ण बहुमत दिया है। मुझे पता था कि दिल्ली के लोग हमें प्यार करते हैं, लेकिन यह नहीं पता था कि इतना प्यार करते हैं। 70 में से 67 सीटें…गिनती के दिन तो लगा जैसी सीटों की बारिश हो रही है। दोस्तो, लगता है ऊपरवाले की कोई खास मंशा है। हम सौभाग्यशाली हैं कि ऊपर वाले ने हमें अपने काम के लिए चुना है। 70 में से 67 सीटें किसी आदमी की मेहनत से नहीं मिल सकती है।’ यह कुदरत का करिश्मा ही है। कुदरत कुछ और ही चाहती है। हम सब तो निमित्त मात्र हैं ।
केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि अपने पांच साल के कार्यकाल के दौरान वह दिल्ली को पहला भ्रष्टाचार मुक्त राज्य मनाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी पिछली 49 दिनों की सरकार के दौरान दिल्ली से रिश्वतखोरी खत्म हो गई थी और इसे उनके विपक्षी भी मानते हैं। केजरीवाल ने कहा, ‘मुझे याद है, अन्ना आंदोलन के दौरान हमलोग खूब नारा लगाया करते थे, भ्रष्टाचार मुक्त भारत।(कांग्रेस मुक्त नहीं ) लेकिन मन के कोने में संशय उठता था, क्या वास्तव में ऐसा हो सकता है। लोकपाल को लेकर भी संशय था कि क्या लोकपाल आने के बाद भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा। आज यकीन है कि हम भ्रष्टाचार खत्म करेंगे और दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाएंगे।’
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शनिवार को अपनी पार्टी के मंत्रियों, विधायकों, कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों से अहंकार से दूर रहने की अपील की। रामलीला मैदान में उन्होंने हजारों समर्थकों से कहा, ‘जब इतनी बड़ी जीत मिलती है, तो इंसान के मन में अहंकार जागता है। लेकिन जब ऐसा होता है तो सब खत्म हो जाता है। इसलिए हम सब लोगों को, मुझे, मंत्रियों को, सहयोगियों को चौकस रहना पड़ेगा। हमें टटोलना पड़ेगा कि कहीं हमारे अंदर अहंकार तो नहीं जाग रहा। यदि ऐसा हुआ तो हम अपना मिशन पूरा नहीं कर पाएंगे।’
पांच साल सिर्फ दिल्ली में केजरीवाल
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली चुनाव के बाद हमारे कुछ लोग कह रहे हैं कि हम यहां का चुनाव लड़ेंगे, वहां का चुनाव लड़ेंगे। मुझे इसमें अहंकार नजर आ रहा है। यह ठीक नहीं है।’ केजरीवाल ने कहा, ‘कांग्रेस को लोगों ने इसलिए हराया, क्योंकि उसमें अहंकार आ गया था। पिछले साल मई में लोकसभा चुनाव में भारी बहुमत से जीतने वाली बीजेपी को भी जनता ने यहां इसलिए हराया, क्योंकि उनमें भी अहंकार आ गया था।’ उन्होंने कहा कि दिल्ली में पिछले चुनाव में 28 सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद हमारी पार्टी के अंदर भी अहंकार आ गया था और इसलिए हमने लोकसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया, लेकिन नतीजों से पता चला कि हमें अहंकार नहीं करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं पांच साल तक दिल्ली में रहकर अपनी जिम्मेदारी को पूरे तन मन धन से निभाने की कोशिश करूंगा।’
केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार वीआईपी संस्कृति समाप्त करेगी। उन्होंने कहा, ‘हम वीआईपी संस्कृति समाप्त करना चाहते हैं। क्या आपको वह स्थिति पसंद आती है जब कोई मंत्री सड़क से गुजरते हैं तो मार्ग बंद कर दिया जाता है और सड़क पर जाम लग जाता है। यूरोप के देशों में प्रधानमंत्री बस स्टॉप पर खड़े नजर आ जाते हैं। हमें उसी तरह की संस्कृति की आवश्यकता है। इसमें समय लगेगा, लेकिन हम इसे करेंगे।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कल से मीडिया में खबर आने लगेगी अरविंद ने बड़ा बंगला ले लिया और मंत्रियों ने गाड़ियां ले लीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि काम करने के लिए हमें इन चीजों की जरूरत है। केजरीवाल अब पक्के राजनीतिक नेता हो गए है।
केजरीवाल ने केंद्र सरकार के साथ रचनात्मक साझेदारी की इच्छा जताते हुए दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘चुनाव नतीजे आने के बाद मैंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और कहा कि पिछले लगभग 15 सालों से बीजेपी अपने चुनावी घोषणा-पत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कहती रही है। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए इससे सुनहरा मौका और कोई नहीं हो सकता, क्योंकि केंद्र में बीजेपी की सरकार है और दिल्ली में ‘आप’ की पूर्ण बहुमत वाली सरकार।’ केजरीवाल ने कहा, ‘मुझे यकीन है कि प्रधानमंत्री दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के बारे में सोचेंगे। प्रधानमंत्री के पास बहुत काम होते हैं। उन्हें पूरे देश को देखना होता है और विदेश भी जाना होता है। इसलिए जब वह प्रधानमंत्री से मिले तो उनसे कहा कि दिल्ली को दिल्ली वालों पर छोड़ दीजिए।’ हालांकि, यह भी एक तथ्य है कि बीजेपी ने इस बार अपने विजन डॉक्युमेंट में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का कोई वादा नहीं किया था।
टीम इंडिया को शुभकामनाएं
दिल्ली के नए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने शपथ ग्रहण समारोह में भाषण के दौरान भारतीय क्रिकेट टीम को शुभकामनाएं दीं और उम्मीद जताई कि 2011 में विश्व कप जीतने वाली टीम इंडिया अपना खिताब बरकरार रखेगी। उन्होंने कहा, ‘मैं भारतीय टीम को शुभकामनाएं देता हूं और मुझे विश्वास है कि वह विश्व कप के साथ घर लौटेगी। भारत रविवार को चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान के साथ एडिलेड में होने वाले मैच के साथ विश्व कप में अपने अभियान की शुरुआत करेगा। पूरा भारत इस पर ऑंखें गडाए हुए है. सभी टी वी चैनल पर गर्म गर्म चर्चायें भी चल रही है। हमारी और से भी टीम इण्डिया को शुभकामना ! …और भारत पाकिस्तान से जीत गया ७६ रनों से … यही है भारतीयों की दुआओं का असर! ऑस्ट्रेलिया के एडीलंड में एक ख़ास चीज जो मुझे देखने को मिली वह यह कि वहां भारत और पाकिस्तान के दर्शक एक ही दर्शक दीर्घा में बैठे थे और अपने-अपने झंडे लहरा रहे थे. कहते हैं १५ मिनट के अंदर स्टेडियम के सारे टिकट बिक गए थे. अमिताभ बच्चन साहब को कॉमेंट्री करते देख अच्छा लगा. अमिताभ बच्चन ने भी अपनी विनम्रता नहीं छोड़ी. सबके ह्रदय सम्राट अमिताभ के लिए कोई दिन रविवार जैसा छुट्टी का दिन नहीं होता. पर यहाँ कॉमेंट्री करते हुए अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे थे. मोदी जी ने भी नवाज शरीफ से क्रिकेट कूटनीति करने का हर सम्भव प्रयास किया. यह है मोदी जी की खासियत. शरद पवार के साथ मंच साझा करने में भी उन्हें कोई हिचक नहीं होती… उद्धव ठाकरे को ‘आप’ के साथ जाना हो तो जाय! (समझे बाबू!). आज अमित शाह के लाडले की शादी की पार्टी है. सुना है जीतन राम मांझी भी गए हैं, भोज खाने और अपना गोटी सेट करने. २० तारिख अब ज्यादा दूर नहीं है. गुप्त मतदान के बाद ही पता चलेगा कि कौन कितना चाणक्यगिरी जानता है? हम लोग तो घर फूंक तमाशा देखनेवाले ठहरे. माझी या नीतीश!… बिहार के सरकार की नैया डगमग कर रही है …अब कौन मांझी इसे पार उतारता है? . अमित शाह के पुत्र के शादी के दिन ही दिल्ली का परिणाम आया था. रंग में भंग पर गया था. आज तो टीम इण्डिया ने पाकिस्तान पर विजय प्राप्त किया है. अत: आज दोहरी खुशी का दिन है. हो सकता है माझी जी जीत जाएँ तब तिहरी खुशी मिल जाएगी … अमित शाह जी को!…. और बिहार फिर नया कुरुक्षेत्र बनेगा. यह तो बाद में पता चलेगा कि यहाँ कौरव कौन है और पाण्डव कौन? चन्द्रगुप्त कौन और धनानंद कौन? पाटलिपुत्र है न! मगध की राजधानी. मौर्य काल वापस लौटेगा तो!
अंतिम पैराग्राफ में पून: केजरीवाल जी के पास आते हैं….
अपने भाषण के अंत में केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता हीरा हैं। उन्होंने कहा, दोस्तो, आज मुख्यमंत्री की शपथ मैंने नहीं, आप सबने ली है। दिल्ली का मुख्यमंत्री आज दिल्ली का एक एक नागरिक बना है।’ इसके बाद उन्होंने पिछली बार के शपथ ग्रहण सामरोह में गाया देशभक्ति गाना इस चेतावनी के साथ सुनाया कि वह बहुत खराब गाते हैं और आज तो उनका गला भी खराब है। वंदे मातरम् और भारत माता की जय के नारे के साथ उन्होंने अपना भाषण समाप्त किया।
श्री केजरीवाल द्वारा गाया गया स्वर्गीय प्रदीप का लिखा हुआ गीत-
इंसान का इंसान से हो भाई चारा यही पैगाम हमारा …
हर एक महल से कहो के झोपड़ियों में दिए जलाये
छोटो और बड़ो में अब कोई फर्क नहीं रह जाये
इस धरती पर हो प्यार का घर घर उजियारा…. यही पैगाम हमारा…
इन्सान का इन्सान से हो भाईचारा… यही पैगाम हमारा…
क्या इस एक गाने में आम आदमी पार्टी का विजन नहीं दीखता है, बशर्ते कि ये अपने मकसद में दृढसंकल्प के साथ कामयाब भी हों.
निश्चित ही अगर यह दिल्ली में आम आदमी के सपनो को अगर साकार कर पाते हैं तो देश के दूसरे हिस्सों में भी इनका जनाधार बढ़ेगा, यही नहीं दूसरी पार्टियाँ भी इनसे सीख लेते हुए जनता के कार्यों में रूचि लेगी. हालाँकि कठिनाइयाँ और अनेक बाधाएं आयेगी, फिर भी – श्री हरिवंश राय बच्चन के शब्दों में –
हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती, लहरों से डरकर नैया पार नहीं होती।
नन्ही चींटी जब दाना लेकर चलती है, चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती है,
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है, चढ़ कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आख़िर उसकी मिहनत बेकार नहीं … हिम्मत करनेवालों की हार नहीं होती ….
बस यही शुभकामना है हमारी कि केजरीवाल और आम आदमी पार्टी अपनी छवि को साफ़ सुथरी रक्खे और जनता को किये गए वादे को हर सम्भव पूरा करने का प्रयास करे. अन्यथा पांच साल बाद फिर तो आना ही होगा रणक्षेत्र में. अगर दिल्ली में अच्छा काम हुआ तो इसका असर दूसरे राज्यों के चुनावों पर भी पड़ेगा…. बेचारे बिनोद कुमार बिन्नी और शाजिया इल्मी भी ‘सूर्य किरण’ की आभा के सामने फीके पड़ गए. इन लोगों को नया दरवाजा ढूंढना होगा या घर वापसी करेंगे(?) यह तो समय ही बताएगा. समय सब कुछ सिखला देता है…. और सब दिन एक समान भी नहीं होते…समय परिवर्तनशील है,.यह मानकर हम सबको चलना चाहिए. अहंकार का त्याग ही मनुष्य को श्रेष्ठ बनता है. सचिन तेंदुलकर, अमिताभ बच्चन, डॉ कलाम आदि अनेकों उदाहरण हैं….. इति शुभम! जय हिन्द! जय भारत! वन्दे मातरम!
– जवाहर लाल सिंह, जमशेदपुर.

 

4 thoughts on “पांच साल केजरीवाल – कुदरत का करिश्मा!

  • अच्छा लेख , केजरीवाल की नीअत पर मुझे कोई छक नहीं , लेकिन यह बहुत कठिन काम है, इस बात से मैं सहमत हूँ कि बिदेश में परधान मंत्री किसी शहर में जाता है , कोई परवाह ही नहीं करता , न लोग उस को देखने जाते हैं , न ही रैलिआन होती हैं , मुझे दुःख होता है जब भारत में इतना धन फजूल कान्फ्रंसों पर खर्च किया जाता है, यही धन गरीबों पर किया जा सकता है.

    • जी भामरा साहब, आप सही कह रहे हैं…सकारात्मक प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार!

  • विजय कुमार सिंघल

    अच्छा लेख. यदि अपने वायदों के अनुसार केजरीवाल अच्छा काम करते हैं और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करते हैं, तो दिल्ली का सौभाग्य ही होगा. लेकिन मुझे इसमें संदेह है.

    • अगर वादे के अनुसार काम नहीं करेंगे तो जनता उन्हें भी औकात दिखलाएगी यही तो हमारे देश की लोकतंत्र की ख़ूबसूरती है आदरनीय श्री सिंघल साहब!

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