बाल कविता

कम्प्यूटर

बड़े काम का है कम्प्यूटर

करता है यह काम हमेशा

सब कुछ जल्दी से निपटाता

चलता है अविराम हमेशा |

 

जो भी इसमें तुम ढूँढोगे

पाओगे सब इसके अंदर

भैया करते गणित इसी पर

मैं खेला करती हूँ दिनभर |

 

पापा लेकर  दफ्तर जायें

मम्मी को भी गीत सुनाये

इधर-उधर की सारी खबरें

हम बच्चों को यह दिखलाए ।

 

सबकी सेवा में सुख पाता

इसीलिए यह सबको भाता

अपनी तत्परता से हर पल

सबका अन्तर्मन हर्षाता |

स्वर्णा साहा

शिक्षा- एम ए (हिंदी), एम ए (लोक प्रशासन) | प्रकाशन - नंदन, बालवाटिका, ट्रू मीडिया, साहित्य समीर, अंगिकालोक, प्रगतिवार्ता, मानस मंथन, सत्यचक्र आदि हिंदी की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेखों और कविताओं का नियमित प्रकाशन | पुरस्कार - 'बालवाटिका' में प्रकाशित वर्ष (२०१४) की श्रेष्ठ कविता के लिए स्व० भागवतीदेवी पाठक स्मृति बालवाटिका पुरस्कार, विभिन्न सांस्कृतिक एवं महिला संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में सम्मानित/पुरस्कृत | ईमेल - swarnadevi711@gmail.com

7 thoughts on “कम्प्यूटर

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    बहुत अच्छी कविता , इस कम्पिऊतर ने तो मुझे दुबारा जिंदगी दी है.

    • स्वर्णा साहा

      हार्दिक धन्यवाद गुरमेल सिंह भमरा जी.

  • computer ke upar bahut sundar kavita. Padhkar maza aa gaya. badhai.

  • बहुत सुन्दर! कम्प्यूटर के बारे में लय बद्ध कविता

    • स्वर्णा साहा

      आभार आपका जी सिंह जी

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत सुन्दर कविता !

    • स्वर्णा साहा

      हौसलाअफजाई के लिए शुक्रिया विजय कुमार सिंघल जी

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