कविता

मरने के बाद…..

मरने के बाद भी

आता होगा गुस्सा

मरने के बाद भी

होती होगी

सचमुच मे

मरने की इच्छा

बेटा

बेटी

मित्र

सब भूल जाते हैं

कब्र के भीतर

और

एक कब्र सा

रहने मे

अच्छा लगता होगा

पहले मर चुके

साथियों की

याद आती होगी

जीवित ही कब थे हम

उस जग मे

और

इस संसार मे

अन्तर ही कहाँ है

तब भी

लापता थे

अब भी गुमनाम हैं

जाति या धर्म

प्रान्त या देश

रंग या वेश

में बटे हुये थे

आज की तरह

पहले भी अकेले थे

यह सब सोचता होगा

मनुष्य मृत्यु के पश्चात

पता नही

लोग क्या काम करते हैं

प्यार बड़ता ही नही

कम होता जा रहा है

मनुष्य …?

कोमल मन नही

धन …होता जा रहा है

उन्हें

इसलिए मरने तक की

फुर्सत नही है

इसलिए मैंने तय किया है

मरने के बाद

मैं एक बार फ़िर –

आ-रा-म – से …..मरूंगा

हाहाहा……..

— किशोर कुमार खोरेन्द्र 

किशोर कुमार खोरेंद्र

परिचय - किशोर कुमार खोरेन्द्र जन्म तारीख -०७-१०-१९५४ शिक्षा - बी ए व्यवसाय - भारतीय स्टेट बैंक से सेवा निवृत एक अधिकारी रूचि- भ्रमण करना ,दोस्त बनाना , काव्य लेखन उपलब्धियाँ - बालार्क नामक कविता संग्रह का सह संपादन और विभिन्न काव्य संकलन की पुस्तकों में कविताओं को शामिल किया गया है add - t-58 sect- 01 extn awanti vihar RAIPUR ,C.G.

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