कविता

सार छंद/छन्न पकैया

छन्न पकैया, छन्न पकैया, कल की पीड़ित नारी,
कितनी है खुश आज ओढ़कर, दुहरी ज़िम्मेदारी।
 
छन्न पकैया, छन्न पकैया, खेत खड़ा है भूखा,
अन्न देखकर गोदामों में, खुलकर हँसा बिजूखा।
 
छन्न पकैया, छन्न पकैया, फसल बाढ़ ने खाई,
वे फाँसी पर झूल रहे, ये,  सर्वे करें हवाई।
 
छन्न पकैया, छन्न पकैया, बात नहीं यह छोटी,
कल उसको खाते थे हम, अब, हमें खा रही रोटी।
 
छन्न पकैया, छन्न पकैया, यह ऋतु बारहमासी,
पुत्र विदेशी साहब, घर में, पिता हुए बनवासी।
 
छन्न पकैया, छन्न पकैया, हतप्रभ है योगासन,
शीर्षासन में खड़ा आमजन, नेता करें शवासन। 
 
छन्न पकैया, छन्न पकैया, हर सच्चाई नंगी,
खिन्न हुआ मन, जब देखीं ये, तस्वीरें दो रंगी

कल्पना रामानी

*कल्पना रामानी

परिचय- नाम-कल्पना रामानी जन्म तिथि-६ जून १९५१ जन्म-स्थान उज्जैन (मध्य प्रदेश) वर्तमान निवास-नवी मुंबई शिक्षा-हाई स्कूल आत्म कथ्य- औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद मेरे साहित्य प्रेम ने निरंतर पढ़ते रहने के अभ्यास में रखा। परिवार की देखभाल के व्यस्त समय से मुक्ति पाकर मेरा साहित्य प्रेम लेखन की ओर मुड़ा और कंप्यूटर से जुड़ने के बाद मेरी काव्य कला को देश विदेश में पहचान और सराहना मिली । मेरी गीत, गजल, दोहे कुण्डलिया आदि छंद-रचनाओं में विशेष रुचि है और रचनाएँ पत्र पत्रिकाओं और अंतर्जाल पर प्रकाशित होती रहती हैं। वर्तमान में वेब की प्रतिष्ठित पत्रिका ‘अभिव्यक्ति-अनुभूति’ की उप संपादक। प्रकाशित कृतियाँ- नवगीत संग्रह “हौसलों के पंख”।(पूर्णिमा जी द्वारा नवांकुर पुरस्कार व सम्मान प्राप्त) एक गज़ल तथा गीत-नवगीत संग्रह प्रकाशनाधीन। ईमेल- kalpanasramani@gmail.com

5 thoughts on “सार छंद/छन्न पकैया

  • कल्पना रामानी

    बहुत धन्यवाद गुरमेल जी, आजकल रचनाकर पुरानी छंद विद्या फिर से जीवित हो रही है, अनेक समूह सिखाने का सफल प्रयास भी कर रहे हैं, यह शुभ संकेत है।

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    छंद बहुत अछे लगे , हमारे पंजाब में भी ऐसे ही मिलते जुलते छंद बोला करते थे ,उदाहरण है ,
    छंद प्रागे आइये जाइए ,छंद प्रागे मोर ,
    अछे दिन हैं आ गए ,लोग मचाएं शोर .

    • विजय कुमार सिंघल

      हा हा हा भाई साहब, ऐसे छंद हमारे यहाँ शादियों में दुल्हे से बुलवाए जाते हैं. एक उदाहरण लीजिये-
      छंद परागे आइये जाइये छंद परागे पुड़िया.
      छंद गया मैं भूल सभी जब सामने आई गुड़िया.
      (यहाँ गुड़िया साली का नाम है.)

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत सुन्दर !

    • कल्पना रामानी

      हार्दिक आभार आ॰ सिंघल जी

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