बाल कविता

बाल कविता : चलो पेड़ को राखी बाँधें

पेड़ हमारे सच्चे साथी, माता – पिता गुरु जैसे हैं
इनसे ही दुनिया मे जीवन, इनसे भी सच्चे रिश्ते हैं
इस रक्षा बंधन पर आओ, इनसे रिश्ता नया बना दें
पेड़ हमे भोजन देते है, पेड़ हमे देते औषधियाँ
ताजी हवा इन्हीं से मिलती, हरी भरी जब रहती बगिया
पौधा रोपण का व्रत लेकर, हम हर घर मे पौधे बांटें
जो हमको जीवन देते है,क्या हम उनका जीवन लेंगे ?
उनके पर-उपकार के बदले क्या हम उनको कटने देंगे ?
धागा बांध सभी प्रण कर लें, हरा पेड़ हम कभी न काटें |

अरविन्द कुमार साहू

अरविन्द कुमार साहू

सह-संपादक, जय विजय

2 thoughts on “बाल कविता : चलो पेड़ को राखी बाँधें

  • विजय कुमार सिंघल

    सामयिक संदर्भ में प्रेरक कविता ! बधाई !!

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    सार्थक लेखन
    प्रेरक रचना

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