कविता

वर्ण पिरामिड

सात पंक्तियों की रचना ……. पहली पंक्ति एक वर्ण सातवीं पंक्ति सात वर्ण

जी

नन्हीं

नीड़ में

संवर्धक

मनु सिखाते

तंगी में कुंजन

चिड़िया व पिण्डज

~~~

हे !

मन

अन्दोरी

अवीक्षित

न होड़ी बन

लाज से बचेगी

उर्मियाँ क्या हारेगी

~~~

तू

चप्पू

चंपला

चमकौवल

चभोरे नाव

छेड़े शशि छवि

हिलोरे धारा तन

~~~

*विभा रानी श्रीवास्तव

"शिव का शिवत्व विष को धारण करने में है" शिव हूँ या नहीं हूँ लेकिन माँ हूँ

One thought on “वर्ण पिरामिड

  • कुछ कुछ समझ में आया ,कुछ नहीं किओंकि मुझे हिंदी इतनी आती नहीं ,
    मैं
    कभी
    सोच में
    गम सुम
    सा हो जाता हूँ
    यह सोच कर
    मरना तो होगा ही !
    कोशिश ही की है .

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