उपन्यास अंश

अधूरी कहानी: अध्याय-36: वह कौन थी?

आज समीर ने खुशी के कारण ज्यादा पी ली थी जिससे डांस करते-करते समीर सूरज की गोद में गिर गया। सूरज ने समीर को उठाया और अपनी गाड़ी तक ले गया। फिर सूरज ने स्नेहा को बुलाया और तीनों वहा से निकल गये। वे तीनों सूरज के फ्लैट में पहुँचे सूरज ने समीर को एक रूम में लिटा दिया। फिर स्नेहा को उसके घर छोड़कर आया और अपने रूम में जाकर सो गया।

जब सुबह हुई तब समीर को होश आया सूरज काॅफी लेकर समीर के सामने खड़ा था सूरज ने समीर को काॅफी दी और बोला कल रात तूने बहुत ज्यादा पी ली थी तब समीर बोला मेरी कोलड्रिंक में किसी ने नशे की गोली डाल दी थी।

समीर बोला- ये सब छोड़ कल जो लड़की मेरे साथ डांस कर रही थी उसे जानता है तू

सूरज बोला- कल तो तेरे साथ कोई लड़की डांस नहीं कर रही थी। इन्फैक्ट कल स्नेहा भी मुझसे बातें कर रही थी। लगता है तुझे नशे में लड़कियां नजर आती हैं।

तब समीर बोला- मैं सच कह रहा हूँ कल मेरे साथ एक लड़की डांस कर रही थी और उसने ही मेरी कोलड्रिंग में नशे की गोली डाली थी। उसे शायद मैं पहले से जानता हूं और मैं कल रात को उसे उसके घर तक छोड़कर आया। मुझे अच्छे से याद है वह लड़की।

सूरज बोला- ‘और उसका घर?’ ‘उसका घर भी अच्छे से याद है’ समीर बात पूरी करते हुये बोला। तब सूरज बोला- तो उसके घर चलकर उससे ही पूछ लेते हैं कि वह कौन थी। फिर क्या समीर ने गाड़ी निकाली सूरज गाड़ी में बैठा और फिर गाड़ी स्नेहा के फाॅर्म हाऊस की तरफ पूरी गति से दौड़ने लगी।

फाॅर्म हाऊस से लगभग 2 किमी पहले ही समीर ने एक रास्ते पर गाड़ी मोड़ ली । लगभग 15 किमी चलने के बाद एक काॅलौनी आयी। समीर ने वहां गाड़ी रोकी और सामने वाले घर की तरफ इशारा करके कहा- ये रेनुका का घर है। सूरज समीर की तरफ देखकर बोला – रेनुका का घर?

तब समीर बोला अब मुझे सब अच्छे से याद आ गया है, कल जो लड़की मेरे साथ डांस कर रही थी वह रेनुका ही थी।

दोनों गाड़ी से उतरे और उस घर की तरफ बड़े सूरज ने डोर बेल बजायी अंदर से एक बूढ़ी औरत निकली तब सूरज ने कहा आंटी हमें रेनुका से मिलना है कल रेनुका हमारे यहां पार्टी में आयी थी और उसने समीर के साथ डांस भी किया और फिर बिना बताये वहां से आ गयी ये सुनकर उस बूढ़ी औरत की आंखों में आंशू आ गये और बोली तुम्हें रेनुका से मिलना हैं समीर बोला हाँ।

फिर उस बूढ़ी औरत ने अंदर आवाज लगायी और अपने लड़के को बुलाया जिसका नाम अरूण था और बोली- बेटा ये लोग रेनुका से मिलने आये है इन्हें रेनुका के पास ले जाओ। उस लड़के ने समीर को अपने साथ चलने को इशारा किया। तब समीर व सूरज उस लड़के के साथ चल दिये। तब सूरज बोला- अरुण रेनुका तुम लोगों  के साथ नहीं रहती है ?

तब अरुण बोला- वह किसी के साथ नही रहती है और अरुण उन्हें कब्रिस्तान ले गया और एक कब्र की तरफ इशारा करके बोला वह है रेनुका मिल लो उससे और अरुण की आंखें नम हो गईं।

तब समीर बोला – यह कैसे हो सकता है कल तो ये मेरे साथ डांस कर रही थी पर ये हुआ कैसे रेनुका ने ऐसा क्यूँ किया और समीर फूट-फूट कर रोने लगा, तब अरुण बोला- मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूं।

दयाल कुशवाह

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