मुक्तक/दोहा

मुक्तक

सपने कभी नभ छूलें ,कहीं मन भ्रमाए!
समझे न मन को कोई ,क्या खेल दिखाए!
संसार की माया छले,कभी भटके यह मन!
करता जो नियंत्रित मन,वह सफल कहाए!!!
कामनी गुप्ता ***

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |