अन्य बाल साहित्य

स्वास्थ्य एवं समृद्धि के लिए शुभकामनाएं

प्रिय बच्चो,
नया साल मुबारक हो,

आप सोच रहे होंगे, नया साल मुबारक हो तो 1 जनवरी को कहा जाता है, आज किसलिए कहा जा रहा है! आपने बहुत अच्छा प्रश्न किया है. आज चैत्र शुक्ल प्रतिपदा है और इसी दिन से हमारे नए संवत्सर यानी नए साल का शुभागमन होता है. आज का दिन एक प्रकार से मौसम परिवर्तन का भी प्रतीक है. बसंत ऋतु का प्रारंभ वर्ष इसी दिन से ही होता है. चारों ओर पीले पुष्पों की सुगंध भरी होती है.

इस समय नई फसलें भी पककर तैयार हो जाती हैं, जिसके कारण ग्रामीण परिवेश में नई खुशियों और नवजीवन का संचार होता है. यह उल्लास, उमंग, खुशी लाने वाला दिन होता है. यह दिन श्रीराम के राज्याभिषेक दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. स्वामी दयानंद सरस्वती ने इसी दिन आर्य समाज की स्थापना की थी. सिंध प्रांत के समाज रक्षक वरूणावतार संत झूलेलाल भी इसी दिन प्रकट हुए, अतः यह दिन सिंधी समाज बड़े ही उत्साह के साथ मनाता है. महाराष्ट्र में यह दिन गुड्डी पर्व के रूप में मनाया जाता है. आज से ही नवरात्रि उत्सव भी प्रारंभ होता है. नवरात्रि के समापन पर भगवान राम का जन्मदिवस ”रामनवमी” के रूप में मनाया जाता है. इसके बाद आप लोगों की मौज-मस्ती वाले त्योहार लोहड़ी और मकर संक्रांति आएंगे. आप पतंगें उड़ाएंगे, लेकिन ज़रा संभलकर उड़ाइएगा. पतंगों का मांजा पतंगों के साथ हाथ भी काट सकता है और इसमें उलझकर बहुत-से पक्षी भी मर जाते हैं. तो बच्चो, आपको त्योहारों का यह मौसम भी मुबारक हो.

 

ये तो हुईं आज की बातें, अब हम कल की बात करते हैं. कल वर्ल्ड हेल्थ डे यानी स्वास्थ्य दिवस था. स्वास्थ्य इंसान के लिए सबसे बड़ा धन है. आज हम आपको अच्छे स्वास्थ्य के लिए एक आसान-सा नुस्खा बताते हैं. आप लोग नहाने के बाद एक गिलास पानी अवश्य पिएं और इसके बाद आपको जो लाभ महसूस हों, हमें अवश्य बताइएगा.

 

अब एक छोटी-सी सच्ची प्रेरक कहानी. 4 अप्रैल को आशुतोष और अश्विनी नामक दो बच्चे लखनऊ के एक स्कूल की स्कूल चलो अभियान की रैली में एक गौरैया के बच्चे को बचाने के लिए कुत्ते से भिड़ गए और उन्होंने गौरैया के बच्चे को बचाकर सुरक्षित स्थान पर रख दिया. आप तो जानते ही हैं, कि कुत्ते से भिड़ना बहुत मुश्किल काम है, लेकिन दोनों बच्चों के अदम्य साहस ने यह संभव कर दिखाया. तभी तो थॉमस अल्वा एडिसन ने कहा है-
1.मेहनत से किये गए कार्य का कोई विकल्प नहीं है.
2.हर चीज के लिए समय निकलना संभव है.

थॉमस अल्वा एडिसन को तो आप जानते ही हैं- वही वैज्ञानिक जिन्होंने बिजली के बल्ब के साथ लगभग 1000 आविष्कार किए.

 

पत्र बहुत अधिक लंबा न हो जाए, इसलिए अब चलते हैं. हरि-इच्छा रही, तो फिर अगले महीने मिलेंगे, कुछ नई बातों के साथ,
आप सबके स्वास्थ्य एवं समृद्धि के लिए शुभकामनाओं के साथ,

आपकी नानी-दादी-ममी जैसी
लीला तिवानी

*लीला तिवानी

लेखक/रचनाकार: लीला तिवानी। शिक्षा हिंदी में एम.ए., एम.एड.। कई वर्षों से हिंदी अध्यापन के पश्चात रिटायर्ड। दिल्ली राज्य स्तर पर तथा राष्ट्रीय स्तर पर दो शोधपत्र पुरस्कृत। हिंदी-सिंधी भाषा में पुस्तकें प्रकाशित। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं। लीला तिवानी 57, बैंक अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 22, सैक्टर- 4 द्वारका, नई दिल्ली पिन कोड- 110078 मोबाइल- +91 98681 25244

12 thoughts on “स्वास्थ्य एवं समृद्धि के लिए शुभकामनाएं

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत उपयोगी जानकारी, बहिन जी ! इसको हम छाप रहे हैं.

    • लीला तिवानी

      प्रिय विजय भाई जी, यह जानकर अत्यंत हर्ष हुआ, कि आपको जानकारी बहुत उपयोगी लगी, आशा है बच्चों को भी बहुत पसंद आएगी.

  • विजय कुमार सिंघल

    बहुत उपयोगी जानकारी, बहिन जी ! इसको हम छाप रहे हैं.

  • लीला तिवानी

    प्रिय गुरमैल भाई जी, आपके पूछने से हम बहुत खुश हैं. ऐसा मनमोहक संवाद तो चलता ही रहना चाहिए, जो नहीं जानते होंगे, उनको भी समझ में आ जाएगा.

  • लीला बहन , यह बाल सन्देश अच्छा लगा . आप को तो पता ही है ,मैं पंजाबी हूँ ,इस लिए कृपा “आज चैत्र शुक्ल प्रतिपदा” के अर्थ समझा दें .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, “आज माने आज (हिंदीव पंजाबी दोनों में), चैत्र माने चेत का महीना, शुक्ल माने शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा माने तिथि का नाम”. आप तो जानते ही हैं, कि देसी महीने में दो पक्ष होते हैं, शुक्ल (गोरा) पक्ष में चंद्रमा बड़ा होता जाता है और कृष्ण (काला या सांवला) पक्ष में चंद्रमा घटता जाता है. अगर बच्चे नहीं जानते होंगे, तो वे भी समझ जाएंगे, पूछने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया.

      • लीला बहन , धन्यवाद .सच में बता रहा हूँ ,यह लफ्ज़ मैंने पहली दफा सुने हैं . यह तो पता है कि चन्दमा बड़ा होता जाता है और फिर घटता जाता है लेकिन शुकल लफ्ज़ को कभी नहीं सुना ,अगर सुना होता तो पूछने के कोई अर्थ नहीं थे .जब मुझे कोई बात समझ नहीं आती तो पूछने में मैं कोई शर्म महसूस नहीं करता भले ही बात मामूली सी हो .

        • विजय कुमार सिंघल

          भाई साहब, भारतीय पंचांग में हर महीना लगभग 15-15 दिन के दो पक्षों में बांटा जाता है. एक कृष्ण पक्ष अमावस्या तक (जब चन्द्रमा घटते घटते गायब हो जाता है) और दूसरा शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तक (जब चन्द्रमा बढ़ते बढ़ते पूरा हो जाता है). हर पक्ष में 1 से 15 तक तिथि होती हैं. तिथि 1 को प्रतिपदा भी कहते हैं. आशा है अब आप समझ गए होंगे.

        • विजय कुमार सिंघल

          भाई साहब, भारतीय पंचांग में हर महीना लगभग 15-15 दिन के दो पक्षों में बांटा जाता है. एक कृष्ण पक्ष अमावस्या तक (जब चन्द्रमा घटते घटते गायब हो जाता है) और दूसरा शुक्ल पक्ष पूर्णिमा तक (जब चन्द्रमा बढ़ते बढ़ते पूरा हो जाता है). हर पक्ष में 1 से 15 तक तिथि होती हैं. तिथि 1 को प्रतिपदा भी कहते हैं. आशा है अब आप समझ गए होंगे.

          • विजय भाई , सही मैं अब ही जान पाया हूँ, तिथि १ को प्रतिपदा कहते हैं, यह भी अब ही समझ आया है . कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष के अर्थ अब समझ आ गए, बहुत बहुत धन्यावाद .

    • लीला तिवानी

      प्रिय गुरमैल भाई जी, आपके इस मासूम प्रश्न से मुझे अपने बेटे राजेंद्र के बचपन की बात याद आ गई. दिल्ली के राजेंद्र नगर में हमारे बहुत-से रिश्तेदार रहते हैं, इसलिए हमें किसी-न-किसी कारण से जल्दी-जल्दी राजेंद्र नगर जाना पड़ता था. एक दिन बेटे ने पूछा ”ममी राजेंद्र नगर को हिंदी में क्या कहते हैं?” मैंने कहा- राजेंद्र नगर. फिर उसने पूछा ”राजेंद्र नगर को इंग्लिश में क्या कहते हैं?” मैंने कहा- राजेंद्र नगर. फिर उसने पूछा ”राजेंद्र नगर को गणित में क्या कहते हैं?” मैंने कहा- बेटा, यह तो मुझे नहीं पता, पापा आएं तो उनसे पूछ लेना. आज अभी दो हफ्ते के लिए आने वाला है.

      • हा हा ,लीला बहन ,मेरी हिंदी जो मैं लिख रहा हूँ बहुत ही आसान है लेकिन हिंदी के इतने लफ्ज़ हैं जो मुझे पता नहीं और सच मानों बहुत बातें मैं लिख ही नहीं पाता किओंकि मुझे यकीन नहीं होता कि जो मैं लिख रहा हूँ ,वोह सही है या गलत .पंजाबी में हज़ारों लफ्ज़ हैं जो मुझे यकीन नहीं होता कि वोह हिंदी में सही होंगे .जब हम अपने खेतों में काम करते थे ,पता नहीं कितने लफ्ज़ मैं लिख ही नहीं पाया किओंकि मुझे पता नहीं है कि उन को हिंदी में किया कहते होंगे .

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