हास्य व्यंग्य

खट्ठा-मीठा : कुछ नहीं बदला

“कुछ नहीं बदला। दो साल बेकार गये। मोदी को इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।” वे ज़ोर-ज़ोर से बोलते हुए मेरे कमरे में घुसे और आकर सोफ़े पर पसर गये।

मैंने देखा कि वे पसीने से तर-बतर थे। बाहर गर्मी भी बहुत थी। मैं कूलर चालू कर दिया। फिर उनको ठंडा पानी पिलाया। तब उनकी मुद्रा कुछ शांत हुई।
फिर मैंने पूछा- “आप किसकी बात कर रहे हैं? क्या नहीं बदला?”
इतना सुनते ही वे फिर क्रुद्ध मुद्रा में आ गये- “कुछ भी नहीं बदला। मोदी का प्रचार झूठा है!”
“उदाहरण देकर बताइए कि क्या-क्या नहीं बदला।” मैंने प्रार्थना की।
“पचास उदाहरण दे सकता हूँ। महँगाई पहले जैसी है, लोग भूख से मर रहे हैं! किसान आत्महत्या कर रहे हैं! विद्यार्थी परेशान हैं! बेरोज़गारी पहले जैसी है। कोई नया कारख़ाना नहीं खुला। सब तरफ़ अशांति है! सब पहले जैसा ही है कुछ भी ज़रा भी नहीं बदला।” वे एक साँस में सारी समस्यायें गिना गये।
“यानी आप यह मान रहे हैं कि मोदी जी से पहले के दस साल में भी ये समस्यायें थीं?”
“थीं तो रही होंगी। पर मोदी जी इनको दूर नहीं कर पाये इसलिए उन्हें इस्तीफ़ा दे देना चाहिए।”
“यानी जिन समस्याओं को दूसरे लोग दस साल में भी हल नहीं कर पाये आप उनको मोदी जी से दो साल में ही दूर कराना चाहते हैं। उनको पाँच साल का समय तो दीजिए।”
“लेकिन मोदी ने दो साल में कुछ नहीं किया।” वे मैदान छोड़ने को तैयार नहीं थे।
“क्या नहीं किया? बस यूपीए की तरह घोटाले नहीं किये। क्या आप चाहते हैं कि वे घोटाले करें?”
उनके पास कोई ज़बाब नहीं था।
मैंने फिर पूछा- “मोदी जी से इस्तीफ़ा दिलवाकर आप किसको लाना चाहते हैं? क्या घोटाले करने वालों को? या नौटंकी करने वालों को?”
यह सुनकर उनका चेहरा उतर गया और वे बिना नमस्कार किये ही कमरे से बाहर निकल गये।

— बीजू ब्रजवासी
ज्येष्ठ शु. १०, सं. २०७३ वि. (१४ जून २०१६)

4 thoughts on “खट्ठा-मीठा : कुछ नहीं बदला

  • राजकुमार कांदु

    aadaraniy wijay ji bahut badhiya rachana modiji ke do saal ke karykaal se nirash logon ko badhiya nasihat !

  • लीला तिवानी

    प्रिय विजय भाई जी, अति सुंदर व सटीक व्यंग्यात्मक आलेख के लिए आभार.

  • गुरमेल सिंह भमरा लंदन

    हा हा ,खूब ,हम कुइक्क आंसर के आदी हो गए हैं ,जितने बिदेशी दौरे मोदी जी ने किये ,उतने आज तक किसी ने नहीं किये ,आज बिदेशी निति की वजह से भारत का डंका बज रहा है . आज घुटाले करने वाले भाग रहे हैं .एक बात और भी है ,की मोदी जी की अपने घर के लिए कोई जिमेदारी नहीं ,जिस के लिए उन्होंको कोई घुटाला करना पड़े .एक बड़े परिवार में अगर हैड ऑफ दी फैमिली हुशिआर हो तो घर उन्ती करता है ,कमज़ोर हो तो सबी अपनी अपनी मन आई करते हैं जिस से एक खानदान को नुक्सान पहुँचता है .मोदी जी का एक अपना रोहब है ,जिस की वजह से वोह देश बिदेश में पापुलर हैं .

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    🙂

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