मुक्तक/दोहा

मुक्तक

हाट बाजार हो या हो दफ्तर, हर जगह तूफानी है
आज की नारी अपने दम पर लिखती नयी कहानी है
देश विदेश में धूम मचाती जैसे कोई गुरूबानी हो
एक ही सुर में सब कहते हैं बिटिया बडी सयानी है!!

#निवेदिता