राजनीति

समाजवादी सरकार का सबसे बदनुमा दाग

जिस समय प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विकास के दावों के साथ प्रदेश के अगले विधानसभा चुनावों के बाद सत्ता में वापसी का सपना संजों रहे थे और सभी समाचार पत्रों और पत्रिकाओं में बड़े-बड़े विज्ञापन प्रकाशित करवा रहे थे ठीक उसी समय बुलंदशहर हाईवे पर मां-बेटी के साथ गैंगरेप की शर्मनाक और समाज को हिलाकर रख देने वाली वारदात घटित हो गयी। इस शर्मनाक घटना में पीड़ित परिवार ने जो खुलासा किया है वह बेहद दुखद व शर्मनाक परिस्थितियों का ही वर्णन करता है। बुलंदशहर की घटना समाजवादी सरकार के लिए बेहद शर्मनाक बदनुमा काला धब्बा है। यह सरकार की कार्यप्रणाली और हाईटेक होती राज्य पुलिस के दांवों की पोल खोल खोलने वाली घटना है। यह घटना बता रही है कि उप्र पुलिस चाहे ई-थाना बना लें या फिर 100 नंबर और महिला हैल्पलाइन 1090 को लेकर चाहे जितनी वाहवाही लूटने का अभिवन प्रयास करे उप्र पुलिस कभी नहीं सुधरने वाली।

अभी बुलंदशहर घटना की गूंज मीडिया से लंकर संसद और राजनैतिक तथा प्रशासनिक गलियारों में थम भी नहीं पा रही है कि 24 घंटों में पांच जिलो में रेप और गैंगरेप की वारदातें प्रकाश में आ चुकी हैं। ये घटनायें सीतापुर, फतेहपुर, मेरठ, संभल, महोबा आदि जिलों में घटित हुई हैं। सभी घटनाओं में पुलिस प्रशासन की लापरवाही भी सामने आ रही है। फिरोजाबाद जिले से भी एक समाचार मिला है कि वहां पर एक नवविवाहिता के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया है।

आज महिलाओं के साथ अपराध व अभद्रता करने वालों के हौसले इतने अधिक बुलंद हो चुके हैं कि राजधानी लखनऊ में एक छात्रा के घर में घुसकर दबंग ने छेड़छाड़ की वारदात को अंजाम दे दिया। यह 1090 पुलिस सहायता का असली चेहरा है।

जब से प्रदेश में समाजवादी सरकार का गठन हुआ है तब से प्रदेश में अपराधों का ग्राफ काफी तेजी से बढ़ा है। पूरे प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा नहीं रह गयी है। एक से बढ़कर एक रेप कांड को अंजाम दिया जा रहा है तथा रेप पीड़ित महिलाओं की हत्या और उन पर एसिड अटैक की घटनाओं को भी अंजाम दिया जा रहा है। जहां समाजवादी सरकार जहां विकास के खोखले दावों में मस्त है वहीं प्रदेश भर में बलात्कारी और अन्य जघन्य वारदातों के अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं। यह तो बुलंदशहर में घटी घटना पुलिस अधिकारियों की लापरवाही का एक बड़ा उदाहरण है उससे भी बड़ी पुलिस लापरवाही लखनऊ में सामने आयी है। लखनऊ में एक दुखद हादसे में सड़क किनारे खड़े परिवार के पांच सदस्यों को एक ट्रक पीछे से आकर रौंदकर चला जाता है। इस घटना में भी जब पुलिस को सहायता के लिए फोन किया जाता है तब वहां पर भी हाईटेक पुलिस एक घंटे बाद पहुंचती है जिसका परिणाम यह होता है कि स्थानीय जनता का आक्रोश पनप उठता है तथा वह हिंसक हो जाता है तब कहीं जाकर पुलिसबल आम जनता के गुस्से को शांत करने के लिए लाठी भांजने के लिए पहुंच जाती है और परिस्थितियों का लाभ उठाकर आरोपी फरार हो जाता है। आज पूरे प्रदेश में पुलिस का यही हाल हो रहा है। अभी बुलंदशहर की शर्मनाक घटना का पूरी तरह से खुलासा भी नहीं पा रहा था कि फिरोजाबाद जिले से भी एक समाचार मिला है कि वहां पर एक नवविवाहिता के साथ गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया गया है।

प्रदेश में महिलाओं के साथ घट रही घटनायें समाजवादी सरकार के कार्यकाल का सबसे घृणित बदनुमा दाग है। यह पुलिस की विफलता है। आज प्रदेश की पुलिस को हाइटेक प्रणाली के माध्यम से सुधारने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन फिलहाल कोई सुधार दिखलायी नहीं पड़ रहा है। आज प्रदेश के लोकल टी वी चैनलों में ही नहीं अपितु सभी टीवी चैनलों व सोशल मीडिया में उप्र को रेपराज्य की संज्ञा दी जाने लगी है। विगत सार साल में प्रदेश में रेप व गैंगरेप की कई शर्मनाक वारदातों को अंजाम दिया जा चुका है। जिसमें मोहनलालगंज में युवती की निर्वस्त्र लाश का मामला तो बहुत ही सनसनीखेज था उस प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपी गयी थी लेकिन वह टीम आज तक नहीं आयी। ऐसी कई घटनाओं के उदाहरण भरे पड़े हैं जिन पर कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है। यही कारण है कि आज समाजवादी सरकार में अपराधी मस्ती से घूम रहे हैं और नेता, पुलिस तथा अफसर के लोग वसूली, रिश्वतखोरी, अवैध खनन और रंगदारी जैसे महान कार्यों में संलिप्त है।

घटना के बाद जब सरकार व पुलिस की अच्छी खासी किरकिरी हो गयी तब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नींद से जागे और उन्होंने पूरे मामले पर बेहद कड़ा रूख अपना लिया है। मुख्यमंत्री ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही के आदेश जारी किये हैं और कहा है कि यदि इस मामले को त्वरित नहीं निपटाया गया तो पुलिस विभाग के उच्चाधिकारियों पर भी कड़ी कार्यवाही की जा सकती है। वहीं खबर यह भी है कि मुख्यमंत्री की नजर से वाहवाही लूटने के प्र्रयास में बुलंदशहर पुलिस यहां पर भी अपना खेल खेलने में जुट गयी है। वहीं पीडित महिला के पति का कहना है कि यदि जल्द न्याय नहीं मिला तो आत्महत्या कर लेंगे।

इस प्रकार की घटनाओं के चलते आज प्रदेश में महिलाओं में भय की स्थिति पैदा होना स्वाभाविक है। इस घटना को लेकर प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है। सभी विपक्षी दल मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का इस्तीफा मांगने लग गये हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पीड़ित परिवार से मिलने भी जा रहे हैं। लेकिन अभी तक बसपा सुप्रंीमो मायावती का पीड़ित परिवार से मिलने का कोई कार्यक्रम सामने नहीं आया है। इसके विपरीत बसपा सुप्रीमो मायावती गुजरात के उना में दलित परिवार का हाल जानने और अपनी राजनीति को चमकाने के लिए गुजरात जा रही है। जिससे पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की असलियत की पोल खुल रही है।

घटना के बाद कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय राजमार्गों की सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं है। जबकि अब सच्चाई सामने आ रही है कि पूरे प्रदेश में पुलिस तंत्र ही नाकारा हो चुका है। पीडित परिवार ने 100 नम्बर पर काॅल तो किया लेकिन किसी ने फोन ही नहीं रिसीव किया। यह तो एक उदाहरण है। ऐसे कई अवसर सामने आये हैं कि जिसमें किसी वारदात के दौरान व बाद में जब पुलिस को सहायता के लिए फोन किया जाता है तब वहां फोन ही नहीं उठता है। प्रदेश सरकार को इसे देखना ही पड़ेगा। इस प्रकार की शर्मनाक घटनाओं के कारण प्रदेश में विकास व निवेश तथा पर्यटन की गति को बढ़ावा देने का प्रयास विफल होता है। समाजवादियों को यह अच्छी तरह से पता होना चाहिये कि आगामी चुनावों में प्रदेश में महिला सुरक्षा एक बड़ा मुददा बन रहा है।

आज प्रदेश के राजनैतिक दल बलात्कार की घटनाओं के बाद पुलिस प्रशासन पर उंगलियां उठा रहे हैं और मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांग कर राजनीति की जा रही है। लेकिन आज की तारीख में सच्चाई यह है कि देश की न्यायिक व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। अदालतों में हजारों पीड़िताओं के मामले लम्बित पड़े हैं। वहीं समाज को जाग्रत होकर उठना चाहिये और देखना चाहिये कि कहां क्या हो रहा है। हर चीज सरकार व पुलिस के भरोसे नहीं छोड़ी जा सकती। जब समाज जागेगा तो इस प्रकार की घटनाओं पर लगाम लगेगी ही और अपराधियों को भी तत्काल ही सजा मिलगी। आज न्यायपालिका की सुस्त रफ्तार और अपराधियों को दंड न मिल पाने से अपराधियों के हौसले बढ़ते ही जा रहे हैं।

मृत्युंजय दीक्षित