कविता

कभी लिखना मत छोड़ना

वो कहते हैं
कभी लिखना मत छोड़ना
हम रहे न रहे जहां में
कोरे कागज पे
अपने जज्बातों को
रखना मत छोड़ना
मैंने हमेशा तुम्हे
आसमान की बुलंदियों पे
देखना चाहा है
बात हो न हो हमारी
पर तुम्हारे शब्दों में
अपने प्यार को खोजना चाहा है
तुम्हारे अक्षरों को छूकर
तुम्हे छूने का अहसास
ढूँढना चाहा है
गर चाहते हो
कि दूर रहकर भी तुम्हे पाती रहूं
अपने अहसासों में
तो कभी खुद को मिटाकर भी
मिटना मत छोड़ना
और मेरी आखिरी इच्छा समझकर
कभी लिखना मत छोड़ना
कभी लिखना मत छोड़ना

महेश कुमार माटा

नाम: महेश कुमार माटा निवास : RZ 48 SOUTH EXT PART 3, UTTAM NAGAR WEST, NEW DELHI 110059 कार्यालय:- Delhi District Court, Posted as "Judicial Assistant". मोबाइल: 09711782028 इ मेल :- mk123mk1234@gmail.com

3 thoughts on “कभी लिखना मत छोड़ना

  • mahesh kumar

    ???

  • अर्जुन सिंह नेगी

    कभी लिखना मत छोड़ना !

  • विभा रानी श्रीवास्तव

    बात माननी चाहिए

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