गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

दे हवा आतंक को कुर्सी बचाता कौन है
देश को ही बेच अपना घर चलाता कौन है 1

रोटियों की खोज में शहरों में आकर बस गए
गांव की पहचान को जड़ से मिटाता कौन है 2

बात सारे कर रहे हैं चाँद तारों की मगर
चाँद पर जाकर भला बस्ती बसाता कौन है 3

डिग्रियां पाने की खातिर फेंकते हैं नोट भी
पाँव धरती से उठा आकाश पाता कौन है 4

आज अंग्रेजी बिना होता नहीं है काम कुछ
बोलिए हिंदी को फिर बंदी बनाता कौन है 5

सड़ रहा है अन्न सरकारी गोदामों में पड़ा
देश में हर रोज महंगाई बढ़ाता कौन है 6

दान करते धर्म करते और पूजा भी रमा
पर दुआ माँ बाप की जग में कमाता कौन है 7

रमा प्रवीर वर्मा…..

रमा वर्मा

श्रीमती रमा वर्मा श्री प्रवीर वर्मा प्लाट नं. 13, आशीर्वाद नगर हुड्केश्वर रोड , रेखानील काम्प्लेक्स के पास नागपुर - 24 (महाराष्ट्र) दूरभाष – ७६२०७५२६०३

One thought on “ग़ज़ल

  • अर्जुन सिंह नेगी

    खूबसूरत रचना के लिए बधाई

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