समाचार

काव्यगोष्ठी

IMG_20160816_153855
70 वें भारतीय स्वतंत्रता दिवस दिनांक १५ अगस्त २०१६ दिन सोमवार को काव्या साहित्यिक समूह की ओर से एक स्वाधीनता काव्य गोष्ठी का आयोजन सायं ५ बजे स्थान,काव्या कार्यालय, ५/२३४ विपुल खंड गोमती नगर ,लखनऊ में किया गया। गोष्ठी की अध्यक्षता प्रख्यात छंदकार श्री ओम नीरव जी ने की।लखनऊ के ख्यातिप्राप्त कवि-कवित्रियों ने काव्य पाठ किया। गोष्ठी का संचालन स्क्वाड्रन लीडर राखी अग्रवाल द्वारा बहुत ही दिलकश अंदाज में किया धन्यवाद ज्ञापन संपादक निवेदिता श्रीवास्तव ने दिया।
इस अवसर पर विजय पुष्पम जी ने “घिर के आई है घनघोर सावन घटा” गीत सुनाया तो संध्या जी ने” हम गये तो जंग के निशान छोड़ जायेंगे”,योगेश पांडेय ने पंचामर छंद “स्वरा तुम्ही”,माधवी मिश्रा ने “आँसू न बहा अब जननी तू”,राहुल स्मित ने “एक कलम के बूते पर मैं दुनिया रोज बदलता हूँ”,सौरभ ने “मजहबी आंधी नहीं देती किसी को फायदा”,मनोज शुक्ल ने “देशप्रेम का दरिया बहता मेरे सजल नयन से”,कुंती मुखर्जी जी ने “मेरे घर के पास”विजय राज जी ने”ऐ हिमालय नमन है”,निवेदिता श्रीवास्तव ने “शास्त्र कहो या की शस्त्र” पंक्ति के माध्यम से अपने विचार रखे।
विशिष्ट अतिथि स्त्री सम्मान प्रकोष्ठ की सत्या सिंह जी ने अपने निराले अंदाज में अशआर पढ़कर सभी दिल चुरा लिया।
कार्यक्रम के अंत में छंदकार ओम नीरव जी ने सरस छंदों की वर्षा कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।