गीतिका/ग़ज़ल

ग़ज़ल

बढ़ती जाए पीर, कन्हैया कब आओगे?
संकट में है चीर, कन्हैया कब आओगे?

पॉलीथिन में दूध, भरा डिब्बों में मक्खन
बोतल बिकता नीर, कन्हैया कब आओगे?

पूजा विधि पर प्रश्न, भजन पर आँखें टेढ़ी
गर्दन पर शमशीर, कन्हैया कब आओगे?

गौ वध पर है मौन, मस्त हैं इफ्तारों में
बाबर बने अहीर, कन्हैया कब आओगे?

दीवाली के दीप, प्रदूषण फैलाते हैं
रंजित-रक्त अबीर, कन्हैया कब आओगे?

अवध, बरेली, बिरज, मुजफ्फरनगर, मालदा
चीख रहा कश्मीर, कन्हैया कब आओगे?

— कवि गौरव चौहान, इटावा