मैय्या तूने लाखों की झोली भरी
मेरी भी झोली भरो अम्बे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी
इतनी-सी विनती सुनो अम्बे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-
1.तुम तो ममता का सागर हो मैय्या
ममता की तुझको दुहाई हे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-
2.तुम तो करुणा का आंचल हो मैय्या
आंचल की शोभा बढ़ादो हे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-
3.तुम तो समता का बादल हो मैय्या
बरसादो प्रेम-बदरिया हे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-
4.खुशियों के भंडार तेरे ही चेरे
भर दो खुशी से गगरिया हे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-
5.मेरी तो नैय्या है तेरे हवाले
कर दो सीधी डगरिया हे मैय्या तूने लाखों की झोली भरी-
तर्ज़-(उलझी लट सुलझा जा कन्हैया मेरे हाथों में मेंहदी लगी—–)
कविता अच्छी लगी। सादर नमस्ते आदरणीय बहिन जी।
कविता अच्छी लगी। सादर नमस्ते आदरणीय बहिन जी।
लीला बहन , भजन बहुत अच्छा लगा .
प्रिय गुरमैल भाई जी, एक सटीक व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.
श्रद्धेय बहनजी ! भक्ति और भाव से परिपूर्ण अप्रतिम रचना के लिए आपका धन्यवाद । मैया संसार के समस्त प्राणियों के दुःख दूर करें ‘लाखों की ही नहीं सबकी झोलियाँ भरें जिसमें हमारी भी गिनती हो इसी कामना के साथ एक और नायाब रचना के लिए आपका ह्रदय से धन्यवाद ।
प्रिय राजकुमार भाई जी, मैया हर पल संसार के समस्त प्राणियों की झोलियां भरती रहती है, हम ही जान-समझ नहीं पाते. अब देखिए न आपकी झोली कितनी अप्रतिम रचनाओं से भरी पड़ी है. मैय्या आपकी भी मनोकामना पूर्ण करें. श्रद्धा और विश्वास से ही बेड़ा पार होता है. एक सटीक व सार्थक प्रतिक्रिया के लिए आभार.