कविता : सवाल कईं
उलझन मन की सुलझ न पाए… कहूँ या छुपा लूँ हैं ऐसे ख़याल कईं !! तरसती आँखें रस्ता निहारें… मिलोगे
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Read Moreस्व-जागृति : बीती सदियों में जब इंसान सार्थक ज्ञान के सन्निकट पहुँच जाता था तो वह संसारिक झंझावातों से दूर
Read Moreमाटी की हांडी *************** जरा सी आग बची थी चूल्हे में तो सोचा क्यों इस तपत को बेकार जाने दूँ
Read Moreभारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र बांग्लादेश, भूटान, चीन, म्यांमार और तिब्बत- पांच देशों की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर अवस्थित है। असम, अरुणाचल
Read Moreकच्चे आम हरेभरे है पक्के है पीलेपीले. रस भरे रसीले है लगते जैसे गीले गीले. इस को मुनिया खाएगी रस
Read Moreकोई सूरत हो ज़िम्मेदारियों की याद रहती है मुझे हर वक़्त अपनी बेटियों की याद रहती है बड़े शहरों में
Read Moreमेरा मुहल्ला स्वाधीन देश का एक आजाद मुहल्ला है। यहाँ सबको सबकुछ करने की आजादी है। आजादी का सही अर्थ
Read Moreसुबह की किरणों ने खुशबू बिखेरती यहाँ आ रही है। चिड़ियों की मधुर आवाज़ ने अपनी वाणी सुना रही है।
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