भुखमरी मुस्कराती है !!!
मेरे देश में भूखे रहने की तड़प इत्र की महक से ज्यादा खुशबूदार होती है भुखमरी में बासी रोटी भी
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Read More‘ नारायण-नारायण ‘ का नाम जप करते नारद एक दिन भगवान के पास पहुँच गये | नारद को देखकर भगवान
Read Moreकुछ ख्वाब उतर आते है आंखो में मगर उसके पंख नही होते किसी पर कटे परिंदे के मानिंद हमेशा कैद
Read Moreआजा न मेरे मुंडेरें पे ए ! कबूतर । भिजवाना है ‘संदेशा’ पिया तक । कहना चिढ़ा रही
Read Moreआजादी का जश्न मनायेंं, आओं मिकर हम और आप इसे अच्छून बनाये आज, आओं मिलकर हम और आप आजादी का
Read Moreचित्र अभिव्यक्ति आयोजन सतरंज के विसात पर, मोहरे तो अनेक चलन लगी है चातुरी, निंदा नियत न नेक निंदा नियत
Read Moreकभी अजनबी… कभी पहचाने से तुम लगो ! बँध गया है इक रिश्ता, कच्चे धागे से !! मर्यादित है… ना
Read Moreदिलों में चाह होती है कभी ख़ंजर नहीं होते हमारे गाँव में ये बदनुमा मंज़र नहीं होते वो खुश रहते
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