गीत/नवगीत

पत्थरों की नोक से घायल करें उगता सवेरा (नव गीत)

किश्तियों का तोड़ चप्पू रौंदते पगडंडियों को
पत्थरों की नोक से घायल करें उगता सवेरा

आग में लिपटे हुए हैं पाखियों के आज डैने
करगसों के हाथ में हैं लपलपाती लालटेनें
कोठरी में बंद बैठी ख्वाहिशों की आज मन्नत
फाड़ कर बुक्का कहीं पे रो रही है देख जन्नत
जुगनुओं की अस्थियों को ढो रहा काला अँधेरा

घाटियों की धमनियों से रिस रहा है लाल पानी
जिस्म में छाले पड़े हैं कोढ़ में लिपटी जवानी
मौत के साए उठा के पूँछ पीछे भागते हैं
सी रहे हैं जो कफन को सिर्फ दर्जी जागते हैं
उल्लुओं का हर शज़र की शाख़ पर बेख़ौफ़ डेरा

धँस गई धर्मान्धता में एतिहासिक भीत निर्मित
वादियों में हो रहे हैं खंडहरों के गीत चर्चित
दांत अपने जीभ अपनी वर्जनाएँ हँस रही हैं
सरहदों की मुट्ठियाँ बदनामियों को कस रही हैं
देख धूमिल रंग सारे ठोकता माथा चितेरा
पत्थरों की नोक से घायल करें उगता सवेरा

राजेश कुमारी

राजेश कुमारी

राजेश कुमारी जन्मतिथि १० जून १९५६ जन्म स्थान मुज़फ्फरनगर, उत्तर प्रदेश शिक्षा --------स्नातक (अंग्रेजी साहित्य ,संस्कृत ,राजनीति शास्त्र) स्नाकोत्तर (संस्कृत ) मेरठ विश्वविद्यालय से हुई है | कार्य अनुभव ----कुछ वर्ष -शिक्षण अनुभव(नेवल पब्लिक स्कूल विशाखापत्तनम ) वर्तमान में... ओपन बुक ओन लाइन साहित्यिक वेब साईट की कार्यकारिणी एवं सः संयोजक -कवितायेँ ,लेख ,कहानियां लिखना ,किताबें पढना , संगीत सुनना ,पेंटिंग ,चित्रकारी ,छायाचित्रकारी,ड्राइविंग आदि राजेश कुमारी के शौंक हैं ---बेडमिन्टन ,टेबिल टेनिस ,तैराकी आदि पसंदीदा खेल खाली वक़्त में खेलना पसंद करती हैं| सम्प्रति ----- प्रथम प्रकाशित पुस्तक ----(कविता संग्रह )ह्रदय के उद्दगार है दूसरी पुस्तक ---काव्य कलश तीसरी पुस्तक –ग़ज़ल संग्रह –साहिल पर सीपियाँ , 4-डाली गुलाब पहने हुए ग़ज़ल संग्रह , 5-गुल्लक लघुकथा संग्रह कुछ साझा काव्य संग्रहों जैसे ह्रदय तारों का स्पंदन , खामोश ख़ामोशी और हम , कवितालोक ,गीतिका लोक प्रेमाभिव्यक्ति , जीवन बुनते हुए , स्वर्ण आभा (राजस्थान )में इनकी कुछ कवितायेँ प्रकाशित हुई| यांत्रिकी देहरादून ,क्वावा शी सेज देहली ,हमारा घर,में तथा विभिन्न पत्रिकाओं में कवितायेँ प्रकाशित -- सम्मान –लखनऊ तस्लीम परिकल्पना सम्मान, ओपन बुक ऑनलाइन साहित्य रत्न हल्द्वानी सम्मान,कवितालोक रत्न हिसार सम्मान,जश्ने ग़ज़ल इलाहबाद सम्मान,साहित्य रत्न भोपाल सम्मान| राजेश कुमारी E1/1 CQA(I) ESTATE LADPUR DEHRADUN ,248008 E [email protected]

2 thoughts on “पत्थरों की नोक से घायल करें उगता सवेरा (नव गीत)

  • विजय कुमार सिंघल

    वाह वाह !

    • राजेश कुमारी

      सादर आभार आदरणीय विजय कुमार जी .

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