लघुकथा

एक वार्ता……

सल्मस यानि अति गरिब, जिनके पास न घर है न खाने को भरपेट रोटी, खुला आसमान उनकी छत है तो जमीन का कोई कोना या सड़क का किनारा उनका बिछौना। घास पूस तो अब दुर्लभ प्रजाति है अतः उनकी रजाई अब फटे हुए प्लास्टिक के टुकड़े और कैमिकल के सुगंधित बोरे हैं जिनसे उनकी ठंड काँप जाती है और ये मजबूर मजदूर गर्म हो जाते हैं। इनके बाल बच्चे और बीवीयां भी होती हैं जो कहीं भी सो रहते हैं और कुछ भी खाकर गुजर कर लेते हैं। परिवार का मुखिया जिस मिट्टी में पसीना गिराता हैं उसी मिट्टी में बाल बच्चे भी अपना हाथ आजमा लेते हैं और स्कूल और पढाई से इनका कोई भी नाता नहीं होता। आज उन्ही में से एक बच्चे के साथ हम उनके जीवन चर्या के बारे में बात करेंगे। जो कुछ इस प्रकार के प्रश्न और उत्तर के रूप में है।
बच्चे का नाम- अप्पू, पिता का नाम- महेश, माँ का नाम- अनोखी, उम्र- 15 वर्ष, शिक्षा- स्कूल का दरवाजा देखा जरूर पर पढने का समय न मिला।
1- प्रश्न- क्या आप का मन पढने के लिए कभी नहीं करता? उत्तर- पढने से क्या होता है हम नहीं जानते?
2- प्रश्न- स्कूल जाते हुए दूसरों बच्चों को देखकर आप को कैसा लगता है। उत्तर- वे सब बड़े-बड़े घर में रहते हैं उनका यही काम है।
3- प्रश्न- आप का क्या काम है? उत्तर- छोटे थे तो सड़क पर खेलना, अब कुछ बड़े हो गए तो पापा के साथ उनके काम में हाथ बटाना।।
4- प्रश्न- और बड़े होकर आप क्या करोगे? नउत्तर- काम तो कुछ भी कर लेंगे जो भी मिल जाय, मजदूरी का काम।
5- प्रश्न- कभी आप को बड़े मकान में रहने का मन नहीं करता है? उत्तर- घर तो पैसे वालों का होता है हम तो मजदूर हैं, जहाँ मजदूरी है वहीँ हमारा झोपड़ा बना लेते हैं।
6- प्रश्न- आप की माँ खाना कैसे और क्या बनाती हैं? उत्तर- लकड़ी जलाकर कुछ भी बना देती है, कभी रोटी, कभी चावल।
7- प्रश्न- कभी फल दूध भी और मिठाई खरीद कर आप दुकान से लाते हैं? उत्तर- चाय बनाने के लिए दुध लाती है माँ, कभी कभी केला और अमरूद भी लाती है।
8- प्रश्न- टी.वी. है घर में? उत्तर- हाँ एक छोटी टी. वी. अभी खरीद कर लाए हैं मेरे पापा।
9- प्रश्न- टी. वी. क्या देखते हो? उत्तर- गाना सुनते है और सिनेमा देखते है।
10- प्रश्न- समाचार नहीं देखते हो आप लोग? उत्तर- वह हमारे का किसी काम का नहीं है और अच्छा भी नहीं लगता है।
11- प्रश्न- देश का प्रधानमंत्री कौन है जानते हो? उत्तर- नहीं मालूम, ठेकेदार का नाम, मोहित सेठ है।
12- प्रश्न- तुम्हारी शादी कब होगी? उत्तर- हो गई है, कजरी नाम है उसका, वो देखिए, वहाँ खड़ी है, उसका झोपड़ा उधर है
13- अगर आप को स्कूल में भेजा जाय तो पढने जाओगे? उत्तर- अब तो मैं काम करने लगा हूँ काम छोड़ दूंगा तो पैसा नहीं मिलेगा फिर क्या खाएंगे।
14- शादी के बाद आप के बच्चे होंगे, वे क्या करेंगे? उत्तर- हँसता है, वे भी मेहनत मजदूरी करेंगे और क्या
15- प्रश्न- अगर आप को एक घर मिल जाय तो क्या आप पढने जायेंगे।। उत्तर- ऐसा कैसे होगा, घर मिलने पर किसे ख़ुशी नहीं होगी। हम नहीं तो हमारे बच्चे पढ़ लेंगे और आगे बढ़ जायेंगे।
15- प्रश्न- सरकार आप जैसे लोगों को घर और शिक्षा के लिए सहायता दे रही है उसमे अर्जी करों, घर मिल जायेगा? उत्तर- मेरे पापा ने अर्जी किया है पर राशन कार्ड अभी नहीं बना है।
16- प्रश्न- अब आगे क्या करना चाहते हो? उत्तर- पढाई और पैसा दोनों के लिए मेहनत करना चाहता हूँ ताकि सड़क का जीवन बदल सकूँ।

महातम मिश्र, गौतम गोरखपुरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ