क्षणिका

क्षणिकाएं

१.
बदलते रिशते संग बदलते हम तुम भी,
फिर दोष औरों को क्यों देते हैं हम भी।

२.
आशाओं से परे जब भी हम कुछ पाते हैं,
जाने वो खुशी हम फिर जीभर जी पाते हैं।

३.
तुम कह दो तो रुक जाएं सदा के लिए शहर में तेरे,
पर तुमने कभी चाहा भी नहीं और कहा भी नहीं।

कामनी गुप्ता***
जम्मू !

कामनी गुप्ता

माता जी का नाम - स्व.रानी गुप्ता पिता जी का नाम - श्री सुभाष चन्द्र गुप्ता जन्म स्थान - जम्मू पढ़ाई - M.sc. in mathematics अभी तक भाषा सहोदरी सोपान -2 का साँझा संग्रह से लेखन की शुरूआत की है |अभी और अच्छा कर पाऊँ इसके लिए प्रयासरत रहूंगी |