आइए कविता लिखना सीखें- 1
प्रिय बच्चो,
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं,
यह पत्र हम आपको गणतंत्र दिवस से कुछ दिन पहले ही लिख रहे हैं. नए साल के इस पहले महीने से हम आप सबको एक नई कला का अभ्यास करवा रहे हैं. इस कला का नाम है- लेखन कला और लेखन कला में भी काव्य कला.
हमें आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है, कि आपके अंदर भी लेखन कला का हुनर अवश्य विद्यमान होगा. आइए तनिक लेखन में काव्य-कला को उभारने की कोशिश करें. गणतंत्र दिवस पर हम देशभक्तिपूर्ण गीत-कविताएं गाते-सुनते हैं. आप चार-चार पंक्तियों की सरल कविता लिखने का प्रयास करें. एक उदाहरण-
”भारत प्यारा देश हमारा,
हम सब की आंखों का तारा,
कोशिश कर इसे और संवारें,
तभी बनेगा जग का प्यारा.”
इसी तरह किसी का जन्मदिन हो, तो हम लिख सकते हैं-
”खुश रहिए हमेशा, यह दुआ है हमारी,
राह तकें बुलंदियां, सदियों तक तुम्हारी,
जन्मदिन आपका प्रेम से मनाने को,
कतार बांधे खड़ी है कायनात सारी.”
सर्दी, गर्मी, वर्षा, बसंत, फूल, माता, पिता, बहिन, भाई, गुरु यानी किसी भी विषय पर चार-चार पंक्तियां लिखना शुरु कीजिए, फिर भाषा में भी सरल से कठिन की तरफ चलते जाइए और पंक्तियां भी बढ़ाते जाइए. हमने अपने स्कूलों में ऐसे बहुत-से छात्रों को कवि और कहानी कार यानी साहित्यकार बनने को प्रेरित किया है. आज वे बहुत बड़े-बड़े लेखक बन गए हैं. हम इस साल कविता के क्षेत्र में इस प्रयोग को जारी रखने की कोशिश करेंगे. आप कामेंट्स में कविताएं लिखकर भेजेंगे, तो हम आगामी पत्र में इसे आपके नाम-सहित प्रकाशित करेंगे.
आशा है, आप कविता लिखना सीखने में रुचि लेंगे. इसी आशा के साथ-
आपकी नानी-दादी-ममी जैसी
-लीला तिवानी