गीतिका/ग़ज़ल

तुझे पाना मेरे किस्मत में नहीं

तुझे पाना मेरे किस्मत में नहीं
पास तो दूर तू ख्वाब में भी नहीं

मानती हूं मुझसे बहुत गलती हुई
लेकिन दूर रहना सजा तो नहीं

हो कोई शिकायत तो मुझसे करो
दुनिया को बताना अच्छी नहीं

जो देना है सजा तो दो कुबूल है
ख़ामोशी ही तेरी सजा ये मालूम नहीं

मूक रहकर किसी से प्यार करना
ये ‘निव्या’ की पहचान नहीं।
निवेदिता चतुर्वेदी’निव्या’

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४