कविता

लो सौप दिया

लो सौप दिया
अब अपने आप को
तेरे हवाले
मेरे रूह मे
तु जो बसते हो
हर इक सॉस के सहारे
तुम मेरे दिल मे
उतर जाते हो
चलो साथ चले
परींदें की तरह
आसमां का सैर करें
न कोई बंधन
न कोई वादा
बस जहॉ हम
और तुम रहे
वही प्यारा
संसार होगा हमारा|
निवेदिता चतुर्वेदी’निव्या’

निवेदिता चतुर्वेदी

बी.एसी. शौक ---- लेखन पता --चेनारी ,सासाराम ,रोहतास ,बिहार , ८२११०४