मुक्तक (बेख़बर देहलवी)
मुक्तक
मेरे ख़तों का आज जवाब आया है
बीते हुए पलों का हिसाब आया है
हिचकियाँ थमने का नाम नहीं ले रहीं
लिफाफे में इक सुर्ख गुलाब आया है !!
बेख़बर देहलवी
मुक्तक
मेरे ख़तों का आज जवाब आया है
बीते हुए पलों का हिसाब आया है
हिचकियाँ थमने का नाम नहीं ले रहीं
लिफाफे में इक सुर्ख गुलाब आया है !!
बेख़बर देहलवी