लघुकथा

लघुकथा : तलाक हार या जीत ?

सुनीता और उसके पति की आज कोर्ट में आखिरी तारीख थी। दोनों में तलाक होने वाला था। पिछले 6 महीने से दोनों ने कोर्ट में खूब कीचड़ उछाला था एक दूसरे के ऊपर। चरित्रहीनता, मारपीट, दहेज उत्पीड़न, क्या क्या आरोप नही लगाए गए एक दूसरे के ऊपर।

लिहाजा आज दोनों का तलाक हो ही गया। कोर्ट रूम से बाहर आकर शायद ये पति पत्नी आज आखिरी बार एक दूसरे को देख पाएंगे। पर जाने क्यों, दोनों के ही चेहरे पर एक अनजानी सी उदासी थी। शायद केस में जो भी आरोप लगाए गए थे वो वकीलों के, रिश्तेदारों के, दोस्तों के कहने पर लगाये गए.. आखिर केस जो जितना था। पर जाने क्यों मन ही मन दोनों को एक टीस होती थी जब एक दूसरे पर आरोप लगाते थे। लेकिन.. तलाक जो लेना था।

उन दोनों पति पत्नी के बीच, वो बच्चा, जिसे माँ या पिता से किसी एक को हमेशा के लिए खोना होगा। जब माँ बाप की नज़र उस बच्चे पर पड़ती तो एक ही सवाल उठता.. क्या हम सच मे केस जीते हैं। और अंतर्मन से आवाज आती… “केस तो जीत गए मगर जिंदगी हार गए.. हार गए”।

महेश कुमार माटा

नाम: महेश कुमार माटा निवास : RZ 48 SOUTH EXT PART 3, UTTAM NAGAR WEST, NEW DELHI 110059 कार्यालय:- Delhi District Court, Posted as "Judicial Assistant". मोबाइल: 09711782028 इ मेल :- mk123mk1234@gmail.com