ग़ज़ल : बात उसकी आसमानी देखिए
बात उसकी आसमानी देखिए ।
मर रहा आंखों का पानी देखिए ।।
फिर किसी फारुख की गद्दारी दिखी ।
बढ़ रही है बदजुबानी देखिए ।।
पत्थरों से बाज वो आते नही ।
कायरों की बदगुमानी देखिए ।।
कौन कहता डर गया है रोमियो ।
रास्तों पर छेड़खानी देखिए ।।
वह नकाबों की घुटन से ऊबकर ।
कहती है कोई कहानी देखिए ।।
रायफल लेकर खड़े भूटान में ।
दिल यहां हिन्दोस्तानी देखिए ।।
अब पीओके चाइना का हो गया ।
पाक की भी मेहरबानी देखिए ।।
लोभियों के दंश में विष है बहुत ।
बेटियां घर में सयानी देखिए ।।
देखना है जुर्म की तासीर जो ।
आप अपनी राजधानी देखिए ।।
लोग इंटरनेट में उलझे है यहां ।
देश की ढहती जवानी देखिए ।।
आ गया है क्या जमाना दोस्तों ।
हाँकते सब लन्तरानी देखिए ।।
सिर्फ अंग्रेजी में करते बात वो ।
कुछ गुलामी की निशानी देखिए ।।
नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित