मुक्तक
कोई अखबार दिखाता है।
कुर्बानी याद दिलाता है।
कोई कहता नहीं अब यहाँ,
भ्रष्टमुक्त देश बनाना है॥
———–@ रमेश कुमार सिंह “रुद्र”
कोई अखबार दिखाता है।
कुर्बानी याद दिलाता है।
कोई कहता नहीं अब यहाँ,
भ्रष्टमुक्त देश बनाना है॥
———–@ रमेश कुमार सिंह “रुद्र”