ग़ज़ल : होती है मोहब्बत क्या
होती है मोहब्बत क्या हम तुमको बता देंगे
कुछ तुम समझा देना कुछ हम बतला देंगे
है इश्क की मर्ज़ी ये मिलें ना मिल पाएँ हम
हम याद में तेरी दिल रहकर दिखला देंगे
तुम मेरी मोहब्बत हो तुम्हे चाहूँ न चाहूँ
जो प्यार करूँ तुमसे दिल चीर के दिखा देंगे
अब प्यार में सुन ऐसे मत करना सितम जालिम
जो हुआ ये दिल आहत हम सहके दिखा देंगे
वो प्यार करेगा क्या जिसे पता नहीं रिश्ते
हम आशिक हैं तेरे हर रिश्ता निभा लेंगे
— विनय भारत