कविता

आलिंगन

नारी के
आलिंगन में 
सुप्त है
ममता‚ हमदर्दी
प्रेम का
अथाह समंदर
बेशक‚ नर के
आलिंगन में
हिम्मत‚ साहस व
जज्ब़े की गंध है
लेकिन‚
नारी के चुंबकीय
आलिंगन के आगे
नर आलिंगन के
अस्तित्व का अंत है
दरअस्ल‚ नारी आलिंगन
किसी वशीकरण मंत्र की तरह है
जो खींचता है उसकी ओर …

देवेन्द्रराज सुथार

देवेन्द्रराज सुथार , अध्ययन -कला संकाय में द्वितीय वर्ष, रचनाएं - विभिन्न हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। पता - गांधी चौक, आतमणावास, बागरा, जिला-जालोर, राजस्थान। पिन कोड - 343025 मोबाईल नंबर - 8101777196 ईमेल - devendrakavi1@gmail.com