कविता

नागफ़नी

उगाए ना थे !!
पर सम्बंधों में खिले,
नागफ़नी के फूल,,
… अब चुभने लगे हैं ॥

सुंदरता का आवरण
ओढ़े ये काँटे ,,
कभी… अमर्यादित,
तो कभी … मर्यादा में रह कर,
करवाते हैं ,,
… अपनी चुभन का अहसास ।

उगाए तो फूल थे !!
पर दिलों में,
उगी नागफ़नी
है कर रही खोखला,,
… दिलों के नाजुक रिश्ते ॥

अंजु गुप्ता

*अंजु गुप्ता

Am Self Employed Soft Skill Trainer with more than 24 years of rich experience in Education field. Hindi is my passion & English is my profession. Qualification: B.Com, PGDMM, MBA, MA (English), B.Ed