नागफ़नी
उगाए ना थे !!
पर सम्बंधों में खिले,
नागफ़नी के फूल,,
… अब चुभने लगे हैं ॥
सुंदरता का आवरण
ओढ़े ये काँटे ,,
कभी… अमर्यादित,
तो कभी … मर्यादा में रह कर,
करवाते हैं ,,
… अपनी चुभन का अहसास ।
उगाए तो फूल थे !!
पर दिलों में,
उगी नागफ़नी
है कर रही खोखला,,
… दिलों के नाजुक रिश्ते ॥
अंजु गुप्ता