गज़ल
आपका शिकवा पुराना हो गया
आज मौसम भी सुहाना हो गया
महज खोजें जो खुशी अब ले बढ़े
बस सुना गीतों हँसाना हो गया
खायशे पाये जो बड़ी कह लब खुले
दिल चमन सबको दिखाना हो गया
जिंदगी ने तो सताया है बड़ा
सोच पाये सा निभाना हो गया
एक पक्षी सा मान फसाना हो गया
आज घर में चहचहाना हो गया
— रेखा मोहन ७/९/२०१७