कविता

प्रेम…

मेरे जीवन के हसीन पन्नों पे
रंग भरी स्याहियों की
सौगात हो तुम……
जो मिट न सके कभी
दिल की दीवारों से
ऐसी अमिट चाहत की
छाप हो तुम…..
वक्त का हर लम्हा मेरा
मुस्कुराता है देख
तेरा ही चेहरा….
गुनगुनाती है हवाएं
कानो में लेकर
नाम तेरा….
देखते ही देखते
एहसासों के बारिश में
भीग जाता है तनमन….
और प्यार की आंधिया
उड़ा ले जाती है मुझे
तुम्हारे प्रेमसिक्त
अहसासों की दुनिया में
डूबती चली जाती हूँ निरन्तर
प्रेम की बहती धारा में….
एक सुकून अंतस में तृप्ति की
निखार देता मेरा यौवन
मेरी खुशियां…मेरी चाहत….
मेरा आज…मेरा कल…
सब तुममे समाहित
तुम हो तो मैं हूं
तुम्हारे बिना मैं अधूरी सनम

*बबली सिन्हा

गाज़ियाबाद (यूपी) मोबाइल- 9013965625, 9868103295 ईमेल- [email protected]