नूतन वर्ष का अभिनंदन
नूतन वर्ष हो मंगलदाता,
नूतन वर्ष हो शुभफलदाता,
नया वर्ष हो सुख का साधन,
नया वर्ष हो हर दुख-भाजन.
आज दुःखों के बंधन तोड़ें,
और सुखों से नाता जोड़ें,
खुद भी हंसें औरों को हंसाएं,
आज न होंगे पथ में रोड़े.
आज नया संकल्प करें हम,
साथ चलेंगे हम सब मिलकर,
एक साथ हम कदम बढ़ाएं,
करें सामना तम का डटकर.
दीन-दुखी की सेवा करके,
नए साल का स्वागत कर लें,
जो हैं निर्बल, हम मेहनत से,
उनका दृढ़ संबल हम बन लें.
ध्येय हमारा ऊंचा होगा,
साधन भी शुभ सुंदर होंगे,
सादा जीवन भले हो अपना,
काम हमारे उज्ज्वल होंगे.
पिछली त्रुटियां फिर न करेंगे,
कमियों को हम दूर करेंगे,
नूतन वर्ष का अभिनंदन हम,
हंसके करेंगे, हंसते रहेंगे.
आदरणीय बहनजी ! नववर्ष का आगाज होनेवाला है । इस अवसर पर लिखी आपकी रचना अति सुंदर व प्रेरक है । सुंदर व सटीक रचना के लिए आपका धन्यवाद !
हम भी चल पड़े हैं नई भोर की ओर. नई उमंगों-तरंगों-अपेक्षाओं-आकांक्षाओं के साथ नई भोर, नए सप्ताह, नए महीने, नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं.