नारी
नारी एक चट्टान है
जो तुफान आने पर
अपने जगह पर
अडिग रहती है!
नारी एक संकल्प है
जो अपना काम
सही समय पर पूरा
कर लेती ह!
नारी एक भावना है
जो हर दिल की
भावना को भाप
लेती है!
नारी एक हिम्मत है
जो लाँख कष्ट
झेलने पर भी
कष्ट सहने की
हिम्मत रखती है!
नारी एक बाग है
जिसमे रंग बिरंगे
फूल खिले रहते है!
नारी एक फूल है
जो हमेशा खुशबू
बिखेरे रहती है!
नारी लक्ष्मी है
जो हर धर को
स्वर्ग बना देती है!
नारी एक सागर है
जिसकी तुलना
अतुलनीय है!
बिजया लक्ष्मी
प्रिय सखी बिजया जी, नारी की महत्ता को मुखर करती हुई अत्यंत सटीक व सार्थक सृजन के लिए आप बधाई की पात्र हैं.