सामाजिक

प्रेम ही दौलत है

क्या  आपने सोचा  कि हम अपने व्यस्त  जीवन  में  क्या  पा रहे है और क्या  खो रहे है? नहीं  सोचा? तो थोड़ा  वक्त  निकाले फिर सोचे।
पाऐंगे हाई- टेक जीवन ने हमें  लो- टेक बना दिया  है, और वर्तमान  तकनीकीयों ने हमें  जीवन की बारिकियों से महरूम  कर दिया  है। ठीक  है बहुत  दौलत कमा लिया  आपने  पर सुख- दुख, पाने – खोने की तराजू पे ईमानदारी  से जीवन को तौले तो अवश्य  पाऐंगे जिसके लिए हाय-हाय कर रहे है वो तो वक्त  के साथ बाय- बाय कर दिया  है ।
रिश्ते -नाते, संबंध दूर होते जा रहे हैं और दुःख  और बिमारिया नजदीक  होते जा रहे है ।
इन सबो  का कारण  विज्ञान  और तकनीकी  को बताना अपनी कायरता  होगी क्योंकि  किसी देश की प्रगति  की ये बुनियाद  होती है, कारण  हम खुद है जो हम अपने को इस वातावरण  में  समायोजित  नहीं  करते है।
दोस्तों,  अब नीचे लिखे कुछ  तथ्यों  पे गौर करें और अपनी जिंदगी  के बारे में  सोचें शायद  ये तथ्य  आपको जीने का मायने  ही बदल दे-क्रोध से लीवर कमजोर होता है,
दुःख  से फेफडा, चिंता  से पेट, तनाव से दिल- दिमाग  और डर से किडनी तो ये आत्मघाती  हमला आपको पसंद  है या फिर  प्यार  से शांति,  सामंजस्य  से दिमाग- शरीर को बल, और हंसी  से तनाव मुक्त एवं  मुस्कान से खुशी की जिंदगी  पसंद  है। फैसला  आपके हाथों  में ।
तो आईए  आज से ब्लिक  अभी से अपने  जीवनशैली  को परिवर्तित  कर जीवन को खुशहाल बनाए क्योंकि  जीवन अमूल्य  हैऔर आप अपनों  के लिए  बहुमूल्य  हैं ।
— मृदुल शरण