राजनीति

सामाजिक सरोकारों के प्रति संवेदनशील योगी सरकार

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व भाजपा की सरकार एक से बढ़कर एक सामाजिक सरोकारों को लगातार आगे बढ़ा रही है तथा प्रदेश के मुख्यमंत्री भी स्वयं एक से बढ़कर एक अपना रिकार्ड स्थापित कर रहे हैं। प्रदेश सरकार सामाजिक सरोकारों तथा मानवीय संवेदनाओं के प्रति भी बेहद गंभीर है। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने नाम एक अनोखा रिकार्ड कायम कर लिया है जिसके अंतर्गत उन्होंने पहले चरण में सभी विभागों के साथ मैराथन बैठकें करके उन सभी का मैराथन प्रस्तुतीकरण देखा और गड़बड़ियों पर कड़े तेवर दिखाये। फिर उनके साथ रात भर बैठकांें का दौर, फिर मंडलीय समीक्षाएं करके सभी 75 जिलों का मात्र 16 महीने के कार्यकाल में ही दौरा कर लिया। साथ ही यह प्रदेश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री हैं जो प्रतिदिन 18 घंटे काम कर रहे हैं। अपने 16 माह के कार्यकाल में मुख्यमंत्री ने नोएडा जाने के मिथक को भी तोड़ दिया। अभी तक कोई भी मुख्यमंत्री नोएडा जाने से डरता था क्योंकि अभी तक जितने भी मुख्यमंत्री नोएडा गये हैं, उनका मुख्यमंत्री का पद और सरकारें जाती रही हैं। हालांकि इतनी कड़ी मेहनत के बावजूद कुछ कारणवश भाजपा को उपचुनावों में पराजित होना पड़ा तथा सोशल मीडिया व मीडिया में इसे नोएडा जाने का ही परिणाम बताया गया। अपनी यात्राओं के दौरान मुख्यमंत्री ने लापरवाह अफसरों पर भी कड़ा रूख अपनाया है।
इस दौरान उन्होंने जनता से सीधा संवाद किया। मुख्यमंत्री द्वारा सभी 75 जिलों में अपना दौरा पूरा कर लेने पर उन्हें बीजेपी ने बधाई भी दी है। वहीं भाजपा प्रवक्ता डा. चंद्रमोहन ने कहा है कि मुख्यमंत्री की इस कार्यशैली से विपक्ष की नींद उड़ गयी है। पूरे प्र्रदेश को सकारात्मक परिणाम दिखलायी पड़ रहे हैं, केवल विपक्ष को यह नहीं दिखलायी पड़ रहा।
वहीं योगी सरकार की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि सरकार बहुत तेजी से सामाजिक सरोकार के निर्णय भी ले रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सर्पदंश और नाव पलटने से अपनों की आकस्मिक मौत का दंश झेलने वाले लोगों की मदद के लिए स्थायी व्यवस्था की पहल की है। उन्होंने राजस्व विभाग को दोनों ही तरह की घटनाओं को राज्य आपदा सूची मंे डालने के निर्देश जारी किये हैं। इससे सरकार होने वाली इन घटनाओं से होने वाली मृत्यु पर प्रभावित परिवारों को राज्य आपदा मोचक निधि से 4 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दे सकेगी। प्रदेशमें हर साल बाढ़ व बरसात के समय बडी संख्या में साँप काटने और नाव पलटने से मौंतें होती हैं। विगत 70 साल से इनके लिए किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद की व्यवस्था नहीं है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने इन दोनों घटनाओं को राज्य आपदा घोषित करने के निर्देश दिये हैं। इस तरह राज्य आपदा संख्या 4 से बढ़कर छह हो जायेगी।
अब तक बेमौसम बारिश, आंधी-तूफान, बिजली और लू से होने वाली मौतें ही राज्य आपदा घोषित हैं। इसके अलावा सीएम स्कूल सुरक्षा, समुदाय आधारित आपदा सुरक्षा, वज्रपात सुरक्षा, आईआईटी कानपुर के सहयोग से पायलट आधार पर बाढ़ मैपिंग व पूर्व चेतावनी सिस्टम की स्थापना की शुरुआत की जा रही है।
उत्तर प्रदेश में हालांकि बहुत कम बारिश हो रही है लेकिन यदि आने वाले दिनों में तेज बारिश से कहीं भी बाढ़ आती है तो इस बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर कैंपों को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि लोगों को अपनी सरकार का एहसास हो। वहां रहने वाले सभी आयु वर्ग के लोगों को यह लगे कि यह पहली सरकार है जो उन्हें लेकर इतनी संवेदनशील है। प्रदेश में हर साल 35 से 40 जिलों में बाढ़ आती है लेकिन अभी इस साल कहीं बाढ़ नहीं आयी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली बार बाढ़ प्र्रभावित कई जिलों का दौरा किया था इस पर उन्हें कई जिलों में शिकायतें मिली थीं तथा भारी लापरवाही भी मिली थी। लेकिन इस बार व्यवस्था तंत्र में काफी परिवर्तन किया जा रहा है। इस बार राहत कैंपों में जनता को काफी सुविधाएं देने का निर्णय लिया है जिसमें साफ बिस्तर, तकिया, चादर, चारपाई और पंखे की व्यवस्था रहेगी। साफ पानी के लिए वाटर एटीएम, 24 घंटे बिजली, जनरेटर, सोलर लालटेन की व्यवस्था रहेगी। इतना ही नहीं सभी प्रकार की दवाओं, टीकाकरण की व्यवस्था सहित महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था रहेगी। सर्पदंश जैसी घटनाओं के नियंत्रण के लिए आवश्यक प्रबंध किये जा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए अखबार, टीवी रेडियो व मनोरंजन कक्ष की भी व्यवस्था रहेगी। बाढ़ प्रभावित लोगों को पोषणयुक्त संपूर्ण भोजन व नाश्ते आदि की भी व्यवस्था रहेगी। प्रत्येक व्यक्ति का नाम, पता, फोन नंबर व निवास का ब्यौरा दर्ज होगा।
इसके अलावा यूपी पुलिस भी एक अनूठी पहल शुरू करने जा रही है जिसके अंतर्गत बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में नदी के बढ़ते जलस्तर से जनता को सतर्क करने के लिए यदि नदी का जलस्तर बढ़ने लगे तो व बाढ़ की आशंका पैदा हो जाये तो पुलिस या डिजास्टर एजेंसी आपको एसएमएस भेजकर सतर्क करेगी। यूपी 100 बाढ़ की चपेट में आने वाले क्षेत्रों के लोगों को सतर्क कर रही है। इसके लिए उसने सोशल मीडिया कैंपेन भी शुरू किया है। यह भी बताया जा रहा है कि लोग अपना मोबाइल चार्ज रखें ताकि बाढ़ की सूचना आप तक पहंुच सके।
मुख्यमंत्री अपने जिलों के दौरों के दौरान भी सामाजिक सरोकारों से ओतप्रोत रहे हैं। अभी हाल ही में मुख्यमंत्री जब फर्रूखाबाद जिले के दैारे में थे तब वहां पर एक रेप पीड़िता की मां अपनी आंखों में आंसू लेकर उनके पास पहंुच गयी तब मुख्यमंत्री ने उनकी समस्या को सुना और तुरंत कार्यवाही के आदेश जारी कर दिये। इसी प्रकार का एक वाकया एटा जिले में हुआ।
प्रदेश सरकार व भाजपा दोनों ही हर प्रकार से सामाजिक सरोकार वाले फैसले लगातार ले रही हैं। प्रदेश सरकार ने दिव्यांगों को सरकारी नौकरियों में 4 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया हेै यह अभी तक केवल तीन प्रतिशत तक ही सीमित था। प्रदेश सरकार लखनऊ में दृष्टिहीन बच्चांें के लिए राजधानी लखनऊ में विशेष गृह खोलने जा रही है, इसमें डाक्टर व नर्स से लेकर विशेष शिक्षक सहित अन्य सभी प्र्रकार की संुविधाएं उपलब्ध रहेगी। वहीं प्रदेश भाजपा अब गरीब परिवारों के बच्चों के लिए खिलौना बैंक बनाने के निर्देश महिला मोर्चो को दी गयी हैं। आने वाले समय में अन्नदाता पखवाडा सप्ताह माने की भी योजना पेशकी गयी है। एक प्रकार से योगी सरकार सामाजिक सरोकारों के प्रति समर्पित है, जिससे प्रदेश में बदलाव की बयार अवश्य बहेगी।
मृत्युंजय दीक्षित