गीत/नवगीत

“देशज गीत”

जिनगी में आइके दुलार कइले बाट

गज़ब राग गाइके सुमार कइले बाट

नीक लागे हमरा के अजबे ई छाँव बा

कस बगिया खिलाइ के बहार कइले बाट॥……जिनगी में आइके दुलार कइले बाट

फुलाइल विरान वन चम्पा चमेली

कान-फूंसी करतानी सखिया सहेली

मनवा डेरात मोरा पतझड़ पहारू

रात-दिन सावन जस फुहार कइले बाट॥…..जिनगी में आइके दुलार कइले बाट

देख न उड़ी के हेरा जइह भौंरा

छोड़ि के दुवार घर आ गइली चौरा

प्रेम विश्वास कइली नाहीं  घर पलानी

वाण मोहिनी चलाइके बीमार कइले बाट॥…..जिनगी में आइके दुलार कइले बाट

हाथ पकड़ि के लगाव पिया मेंहदी

कबहूं पराइ के न होइह बेदर्दी

गरवा लगाइ ल जुड़ाइ जा सम्हारू

अधखिले बसंत में विहार कइले बाट॥…..जिनगी में आइके दुलार कइले बाट

महातम मिश्र, गौतम गोरखपूरी

*महातम मिश्र

शीर्षक- महातम मिश्रा के मन की आवाज जन्म तारीख- नौ दिसंबर उन्नीस सौ अट्ठावन जन्म भूमी- ग्राम- भरसी, गोरखपुर, उ.प्र. हाल- अहमदाबाद में भारत सरकार में सेवारत हूँ