गीत/नवगीत

गीत : ठण्ड ने दस्तक दी

ठण्ड ने दस्तक दी ,            फिर अपने उसूलों पर ।

बाँहों में भरने को आतुर ,            सुर्ख वर्ण फिजाओं को।
रवि की सुनहरी किरणों को ,       नभ-धरा चहुँ दिशाओं को ।
ओस की बूंदें दिखी उसे ,              खिलते हुए फूलों पर ।
ठण्ड ने दस्तक दी ,           फिर अपने उसूलों पर ।

मध्यदिवस की धूप को ,          वह अपने गले लगा ली ।
सर्वत्र और कण-कण पर ,      वह अपनी जगह बना ली ।
बैठ गयी अब वह जैसे ,          तरुशाख के झूलों पर ।
ठण्ड ने दस्तक दी ,          फिर अपने उसूलों पर ।

सांध्यबेला को समा गयी ,    हाट-बाजार और मंडियों में ।
गाँव की गलियों में ,      चौबारे और पगडंडियों में ।
नजरे टिकी अब उसकी ,          ताल छोड़ते बगुलों पर ।
ठण्ड ने दस्तक दी ,         फिर अपने उसूलों पर ।

—  टीकेश्वर सिन्हा ” गब्दीवाला “

टीकेश्वर सिन्हा "गब्दीवाला"

शिक्षक , शासकीय माध्यमिक शाला -- सुरडोंगर. जिला- बालोद (छ.ग.)491230 मोबाईल -- 9753269282.