कवितापद्य साहित्य

एक लड़का हैं, जो प्यार मुझे करता है।

एक लड़का हैं,जो प्यार मुझसे करता है।
हालांकि दुनियाँ से कहने से डरता है।

थोड़ा दीवाना सा, थोड़ा प्रेमी सा
कुछ पागलपन सा,वो करता है।
एक लड़का है,जो प्यार मुझे करता है।

कभी झगड़ता है, तो कभी लड़ता है।
देखों,हर छोटी सी बातों पर भी अकड़ता है।
एक लड़का है, जो प्यार मुझे करता है।।

रूठ कर बिन बातों के,दूर रहने की बातें करता है।
पर जब भी थोड़ा दूर चली जाऊ,तो रातों को रोता है।
एक लड़का है, जो मुझसे प्यार करता है।

अपने दिल की हर छोटी से बड़ी बात वो मुझसे शेयर करता है।
मेरी भी हर बात को बिन बोले समझता है।
एक लड़का है, जो प्यार जो मुझसे करता है।

मरने की गर बात करों तो,थोड़ा सा चिढ़ जाता है।
बहुत जल्दी है ना तुझ को,रुक अभी मर के दिख लाता हूँ।
उस की हरकतों से कभी- कभी ये दिल डरता है।
एक लड़का है, जो प्यार मुझसे करता है।

पर मुझ को मालूम है कि सच्चा आशिक़ है ।
वो मेरा बस इजहार ए इश्क़ से थोड़ा डरता है।
एक लड़का है,प्यार वो मुझसे करता है।

आँख से आँसू जो मेरी निकले कभी,
मुझे हँसाने की खातिर,बच्चा वो बन जाता है।
मुझे मनाने की खातिर,कुछ भी वो कर जाता है।
एक लड़का है, जो प्यार मुझसे करता है।

संध्या चतुर्वेदी
अहमदाबाद, गुजरात

संध्या चतुर्वेदी

काव्य संध्या मथुरा (उ.प्र.) ईमेल [email protected]