कविता

नन्हा बच्चा

एक नन्हा बच्चा जब आता है
वह कितनी खुशियां लाता है,
मां के उदर से बाहर आने तक
वह कितनी मुश्किल सहता है,
वह नन्हीं सी जान
जिसे माता की गोद प्यारी,
मा का पहलाा स्पर्श
उसे जीवन का बोध कराता है
उसकी मीठी मीठी किलकारियां
सबके मन को भाती है
वह नन्ही जान जब आता है इस दुनिया में,
नये रिश्तो से वह जोड़ता हैं अपने आप को,
सारे रिश्ते उसे हसीन लगते है,
वह नन्हीं सी जान जब आती हैं,
सारे घर में खुशियाँ छा आती हैं,
उसके आने से जीवन में बहार आ जाती है,
उसका जीवन कितना खूबसूरत होता है,
न किसी बात की चिन्ता
न कोई फिकिर
बस सोना है उसे मा की गोद मे,
खो जाना है अपने प्यारे सपनो में
बच्चे बहुत प्यारे होते है,
सबके राजदुलारे होते हैं।

गरिमा

गरिमा लखनवी

दयानंद कन्या इंटर कालेज महानगर लखनऊ में कंप्यूटर शिक्षक शौक कवितायेँ और लेख लिखना मोबाइल नो. 9889989384