तुम्हारा दीदार
आज फीर से बहार छाई है
आज फीर से यहाँ चमन लौटा है
आज किसी के खुश्बू से
पुरा गगन महका है
आज उन के दीदार से
ये दिल बार बार धड़का है
आज फीर से बहार छाई है
आज फीर से यहाँ चमन लौटा है
आज किसी के खुश्बू से
पुरा गगन महका है
आज उन के दीदार से
ये दिल बार बार धड़का है