कविता

हाँ मुझे प्यार हुआ है…

हाँ मुझे प्यार हुआ है…
हाँ मुझे प्यार हुआ है पर तुम परवाह मत किया करो
उनकी बाहों में देख कर तुम मदहोश मत हुआ करो ।
खुली जुल्फों के साए में डूबने का हक है मुझे,
इसे मोहब्बत ही समझो नुमाइश मत समझा करो ।
हाँ मुझे प्यार हुआ है ।।
मेरी मोहब्बत की इतनी गुफ्तगु क्यों करते हो,
अरे मुझे हुआ है प्यार तुम प्रूफ क्यों करते हो ।।
मैं अपने इश्क को बेनकाब नहीं करता..
रुसवा तो हूँ इस दुनिया से पर कोई फरियाद भी नहीं करता.!!
हाँ मुझे प्यार हुआ है ।।
उनकी खुली जुल्फों के बीच से जब निगाहें मिलाई,
चेहरे पर बड़ी खूबसूरत मुस्कान लायी ।
उनकी पाजेब की खनक से दिल में सितम छा गई
पर दिल से मुझे एक आवाज आ गई ।।
हाँ मुझे प्यार हुआ है ।।
तभी आसमां की काली घटा छा गई ,
मयुरे रंग बिरंगे पंख फैला के बाहर आ गई ।
इस नजारे ने तो हम दोनों को गले मिला दिया
एक दूजे में फ़ना करा दिया.!!
हाँ मुझे प्यार हुआ है ।।
— शीतांशु मणि

शीतांशु मणि

मुजफ्फरपुर, बिहार मोबाइल नम्बर: 9304060661 पिन : 843106