कहानी भी ख़तम होगी।
कहानी जो, शुरू थी वो, कहानी भी, ख़तम होगी।
निशानी का, करोगे क्या, निशानी भी, ख़तम होगी।।
नही कुछ भी बचा रहता ज़माने का यही सच है,
नई को क्या कहोगे तुम पुरानी भी ख़तम होगी।
बहुत चाहो किसी को तुम वही दिल में नही रहता,
दिलों को क्या बतायें हम जवानी भी ख़तम होगी।
दिए ने भी लगाया था कभी दिल को उजालों से,
हुई रातें ख़तम काली सुहानी भी ख़तम होगी।
दीवाने थे कभी हम भी दीवाने ही मरेंगे हम,
दीवानों का यही होता दीवानी भी ख़तम होगी।