कविता

मेरी प्यारी लाड़ली लक्ष्या बिटिया

मेरी प्यारी लाड़ली लक्ष्या बिटिया,
भोली-भाली प्यारी लक्ष्या गुड़िया ।
ठुमक-ठुमक कर पग धरती ,
मम्मी-पापा से बहुत प्यार करती।
सब की सयानी लाड़ली दुलारी,
पग घुंघरू बांध ठुमके दे भारी।
मम्मी दिव्या की लाड़ली नटखट बहौत परी,
पापा रावत जी अर दादी रेशमोंदेवी जी की दुलारी ।
बालिका है बालक बराबर न कोई भेदभाव,
मेरी प्यारी लाड़ली लक्ष्या बेटा देते सब लगाव।
देते सब लगाव है दो कुलों की शान बिटिया,
पढ़-लिखकर करेगी रोशन लाड़ली लक्ष्या बिटिया।
‘ दिव्या रावत ‘ मुझे बहुत गर्व हैं बिटिया पर,
अब बदला जमाना नहीं बेटो से कम बेटिया ।
— श्रीमती दिव्या रावत गर्ग उण्डू

दिव्या रावत गर्ग

श्री हरि विष्णु कृपा भवन " ग्राम - श्री गर्गवास राजबेरा, पोस्ट - ऊण्डू, तहसील - शिव, जिला - बाड़मेर, राजस्थान ई-मेल - divyarawatgarg@gmail.com