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‘कारवां’ लघुकथा संग्रह का लोकार्पण व काव्यसमागम

22 सिंतबर दिन रविवार ।झमाझम बारिश के बीच लखनऊ के मोती महल लॉन में लगे 17वे राष्ट्रीय पुस्तक मेला के परिसर में “काव्या सतत साहित्य यात्रा” के तत्वाधान में ‘कारवां’ लघुकथा संग्रह का लोकार्पण समूह की संचालिका निवेदिता श्री , डॉ मिथिलेश दीक्षित , सविता चड्डा , योगराज प्रभाकर , चन्द्रशेखर वर्मा व मीनू खरे के कर कमलों द्वारा किया गया ।  वाणी वंदना कोकिलकंठी मालविका हरिओम  द्वारा। ‘कारवां’ लघुकथा संग्रह में भारत के विभिन्न प्रान्तों के 51 लघुकथाकार शामिल हैं । मंचासीन सभी सदस्यों ने संग्रह पर अपने विचार व्यक्त किये । कुशल मंच संचालन अलका प्रमोद जी द्वारा किया गया।
       द्वितीय सत्र में ‘काव्या’ सतत साहित्य यात्रा समिति’ के तत्वाधान में सरस काव्य समागम का आयोजन हुआ । मंच पर मिथिलेश दीक्षित,  शिव मंगल सिंह ‘ मंगल’ , मधु प्रधान , सन्ध्या सिंह , निवेदिता श्री गरिमामय उपस्थिति में काव्यसमागम ने नये कीर्तिमान स्थापित किये । समूह की संचालिका निवेदिता श्री के स्वागत भाषण के  उपरांत प्रतिष्ठित ‘शारदेय सम्मान’ की घोषणा हुयी । शारदेय सम्मान हर वर्ष निवेदिता श्री की माता जी श्रीमती शारदा वर्मा की स्मृतिमें दिया जाता है। 2018 का शारदेय सम्मान वरिष्ठ वर्ग में शिकोहाबाद की अनामिका सिंह ‘अना’ व कनिष्ठ वर्ग में लखनऊ की कविता गुप्ता ‘काव्या’ को निवेदिता श्री के पिता श्री कृष्णा नँदन वर्मा द्वारा दिया गया ।
    ततपश्चात काव्य पाठ आरम्भ हुआ । देश के विभिन्न प्रान्त से आये 40 कवियों ने काव्यपाठ किया । निहालचंद्र शिवहरे , रोली शंकर , अनामिका सिंह , डॉ. राजेश हर्षवर्धन , कविता गुप्ता , अलका प्रमोद , मीनू खरे , रश्मि कुलश्रेष्ठ , मंजुल मंज़र , विपिन मलीहाबादी , विजय पुष्पम , हरि जी ‘हरि’ , शोभा दीक्षित , मुकेश मिश्र , विजय राज , ज्योत्सना सिंह , भूपेंद्र सिंह व सरोज सिंह का काव्यपाठ सराहनीय था । मंचासीन सभी कवियों के काव्यपाठ ने समागम को शीर्ष प्रदान किया।
   द्वितीय सत्र का कुशल मंच संचालन अखिलेश पाण्डेय ने किया। समापन विजय राज के आभार ज्ञापन से हुआ ।