कविता

कहानी है औरत

संस्कृति सभ्यता सौन्दर्य की कहानी है औरत —-

सूर्य की पहली किरण के साथ
द्वार पर लक्ष्मी के स्वागत को
उरेन डालने से लेकर
रात के सुकून की कहानी है औरत …..

मंथरा कैकयी द्रोपदी
तो कभी सीता राधा रुक्मणी सी
हर किरदार मे ढलती
अलग अलग रूपों की कहानी है औरत ….

खाली रिक्त स्थानो की
पूरक शब्दों सी
चारू चंद्र की चंचल किरणों सी
सबको सम्मोहन मे बांधने की कहानी है औरत …

— रजनी चतुर्वेदी

रजनी बिलगैयाँ

शिक्षा : पोस्ट ग्रेजुएट कामर्स, गृहणी पति व्यवसायी है, तीन बेटियां एक बेटा, निवास : बीना, जिला सागर